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इंदौर-भोपाल को पछाड़ रीवा को मिला 'A' Grade, यहां जानिए प्रदेश के हर शहर की रैंकिंग
E-Nagar Palika के कामकाज की रैंकिंग जारी, मेट्रो शहरों से बेहतर बनाई स्थिति
प्रमुख सचिव की फटकार के बाद अपडेट हुआ सिस्टम
रीवा। E-Nagar Palika की ओर बढ़ते कार्यों के बीच रीवा नगर निगम ने बेहतर स्थान हासिल किया है। हाल ही में नगरीय प्रशासन विभाग ने कामकाज की रैंङ्क्षकग जारी की है, जिसमें रीवा ने प्रदेश के बड़े शहरों को पीछे करते हुए ए ग्रेड हासिल किया है। बीते करीब दो वर्षों से नगर निगम की आनलाइन व्यवस्था करने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। रीवा की स्थिति लगातार पीछे बनी रहती थी लेकिन अब तेजी से सुधार हुआ है।
बीते कुछ समय पहले ही प्रमुख सचिव ने समीक्षा की थी। उन्होंने रीवा सहित प्रदेश के सभी प्रमुख नगरीय निकायों के प्रमुखों को फटकार लगाई थी और कहा था कि हर हाल में आनलाइन भुगतान की प्रक्रिया अपनाई जाए। कमज़्चारियों का वेतन भुगतान करने के मामले में रीवा शत प्रतिशत की ओर बढ़ रहा है। रैंकिंग में 99 प्रतिशत भुगतान को लेकर अंक मिले हैं। अप्रेल महीने में अब तक के परफामेश के आधार पर कहा गया है कि रीवा नगर निगम ने 1.78 करोड़ रुपए संपत्तिकर और 71 लाख रुपए जलकर के जमा कराए हैं। इस अवधि में 8.16 करोड़ रुपए निमाज़्ण कायोज़्ं के लिए भुगतान किया गया है।
इंदौर-भोपाल की स्थिति सबसे खराब निकायों को ए, बी और सी तीन कैटेगरी में बांटा गया है। जिसमें इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों को सी ग्रेड मिला है। स्वच्छता में ये दोनों शहर पूूरे देश के लिए मॉडल के रूप में सामने आए हैं लेकिन कामकाज पारदशीज़् तरीके से किए जाने के मामले में छोटे शहरों से भी पीछे हैं। रैंङ्क्षकग के अनुसार भोपाल नगर निगम को शून्य अंक मिले हैं। वहीं इंदौर ने अप्रेल महीने में संपत्तिकर केवल 1.99 लाख रुपए ही आनलाइन जमा कराया है। यहां कमज़्चारियों को वेतन भुगतान के मामले में 52.36 प्रतिशत अंक मिले हैं। दोनों शहरों की स्थिति सबसे खराब स्तर पर बताई गई है।
सतना-सिंगरौली को मिला ग्रेड बी नगर निगम सतना और सिंगरौली को ग्रेड बी मिला है। इस ग्रेड में नगर निगम जबलपुर, सिंगरौली, ग्वालियर, कटनी एवं सतना को शामिल किया गया है। जिसमें सिंगरौली में अप्रेल महीने में संपत्तिकर के 2.01 करोड़ रुपए संपत्तिकर और 1.21 लाख रुपए जलकर के आनलाइन जमा कराए गए हैं। इस अवधि में प्रोजेक्ट सिस्टम माड्यूल में 12.51 करोड़ रुपए का ठेकेदारों को भुगतान हुआ है। जबकि कमज़्चारियों एवं श्रमिकों को आनलाइन वेतन भुगतान को प्रतिशत 98.48 रहा है। इसी तरह सतना नगर निगम ने संपत्तिकर के 25.13 लाख और छह हजार रुपए जलकर के आनलाइन भुगतान कराए हैं। यहां पर ठेकेदारों को 4.55 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। कमज़्चारियों एवं श्रमिकों को आनलाइन भुगतान करने का औसत प्रतिशत 78.35 रहा है।
ए ग्रेड में शामिल शहरों की स्थिति निकाय-- टैक्स जमा--- ठेकेदारों को भुगतान---वेतन भुगतान का प्रतिशत उज्जैन-- 27.37-- 516--- 75.80 देवास-- 14.55-- 364-- 92.84 छिंदवाड़ा-- 13.54-- 2830- 51.29 खंडवा-- 10.61-- 446-- 94.48 सागर-- 7.14-- 585-- 96.50 रतलाम-- 6.57-- 19-- 85.98 बुरहानपुर-- 2.7-- 753-- 95.91 रीवा-- 2.49-- 816-- 98.79 मुरैना-- 28.6-- 1070-- 97.58 - मई से आफलाइन भुगतान पूरी तरह से होगा बंद आगामी एक मई से सभी नगरीय निकायों में ऑफलाइन भुगतान की प्रक्रिया प्रतिबंधित कर दी जाएगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान यदि कहीं से भी आफलाइन भुगतान की शिकायत आएगी तो संबंधित के विरुद्ध कारज़्वाई होगी। यह चेतावनी दो सप्ताह पहले भी विभाग की ओर से दी गई थी। अब रैंकिंग जारी करने के साथ ही फिर से याद दिलाया गया है। आनलाइन भुगतान की प्रक्रिया हमने अनिवायज़् कर दी है। हर तरह के भुगतान आनलाइन किए जा रहे हैं, साथ ही राजस्व जमा करने में भी सुविधाएं दी हैं कि लोगों को निगम नहीं आना पड़े, घर बैठे टैक्स जमा कर सकें। मई से राजस्व वसूली पूरी तरह से आनलाइन होगी। सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम