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एमपी के उज्जैन में विश्व की पहली वैदिक घड़ी की होगी स्थापना, 30 मुहूर्त के साथ बताएगी समय
30 मुहूर्त के साथ समय बताने वाले विश्व की पहली वैदिक घड़ी बनकर तैयार हो गई। स्थापना के साथ 22 मार्च को इस वैदिक घड़ी का लोकार्पण किया जाएगा। इस घड़ी में द्वादश ज्योतिर्लिंग भी दिखाई देंगे। इसकी विशेषता यह भी है कि इसके बैकग्राउंड में हर घंटे तस्वीर बदलेगी। एक समय में नवग्रह, राशि चक्र तो दूसरे समय में देश-दुनिया में होने वाले सबसे खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे तक दिखाई देंगे।
जंतर-मंतर में होगी स्थापित
एप डाउनलोर्ड कर स्मार्ट वॉच और मोबाइल में भी घड़ी के साथ इन नजारों को देखा जा सकेगा। यह वैदिक घड़ी काल गणना के केन्द्र माने गए उज्जैन शहर के जंतर-मंतर स्थित जीवाजी वेधशाला में स्थापित की जाएगी। जिस टॉवर पर इसे स्थापित किया जाना है उसका निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। 22 मार्च 2023 को गुड़ी पड़वा पर इस वैदिक घड़ी का लोकार्पण किया जाना तय किया गया है। वैदिक घड़ी के एप्लीकेशन में विक्रम पंचांग भी समापित रहेगा जो सूर्योदय से सर्याप्त की जानकारी के साथ ही ग्रह, योग, भद्रा, नक्षत्र, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, चौघड़िया आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
घड़ी टॉवर के ऊपर लगेंगे टेलीस्कोप
बताया गया है कि घड़ी वैदिक काल गणना के सिद्धांतों पर स्थित होगी। यह प्रतिदिन देश-विदेश में अलग-अलग समय पर होने वाले सूर्योदय को भी सिंक्रोनाइज करेगी। क्लाक टावर के निर्माण पर एक करोड़ 58 लाख रुपए खर्च होंगे। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार घड़ी के टावर के ऊपर टेलीस्कोप भी लगाए जाएंगे। ताकि रात के समय में होने वाली खगोलीय घटनाओं के नजारों को भी देखा जा सके। घड़ी की स्थापना विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा की जाएगी। जिसके द्वारा घड़ी का मोबाइल एप भी बनवाया गया है। बताया गया है वर्तमान में टावर का निर्माण कार्य उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराई गई ड्राइंग डिजाइन के अनुसार नगर निगम द्वारा करवाया जा रहा है। जिस टावर पर घड़ी की स्थापना की जानी है फिलहाल उस टावर के निर्माण के लिए प्लींथ लेवल पर काम किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होते ही वैदिक घड़ी की स्थापना कर दी जाएगी।