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Mahakal Lok Entry Ticket Price: महाकाल लोक घूमने और बाबा महाकालेश्वर के दर्शन करने के पहले जल्दी से ये खबर पढ़ ले
Ujjain Mahakal Lok Entry Ticket: महाकाल लोक उज्जैन के अद्भुत नजारे का लुफ्त उठाने के लिए प्रतिदिन यहां हजारों लोग पहुंच रहे हैं। किंतु यहां पहुंचने वाले भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए महाकाल मंदिर समिति ने गर्भगृह में जाने के लिए सप्ताह के तीन दिन शनिवार, रविवार व सोमवार को 15सौ रुपए का टिकट अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा प्रोटोकॉल से आने वाले भक्तों को इंट्री है। इसके बावजूद भक्तों को गर्भगृह तक पहुंचने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है।
महाकाल कॉरिडोर में एंट्री के लिए देने होंगे पैसे
महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से भीड़ का दबाव यहां रोजाना बढ़ता जा रहा है। महाकाल मंदिर समिति ने मंगलवार से शुक्रवार तक आम भक्तों की भीड़ कम होने की स्थिति में दर्शन व्यवस्था को निःशुल्क रखा गया है। बढ़ती भीड़ के चलते निःशुल्क दर्शन तो छोड़िए 1500 रुपए की टिकट भी भक्तों को गर्भगृह तक पहुंचने में राहत नहीं दे पा रही है। एक टिकट में दो लोग दर्शन कर सकते हैं किन्तु इसकी भी लिमिट तय कर दी गई है। महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक लोकेन्द्र चौहान के मुताबिक एक दिन में कुल 580 टिकट की व्यवस्था बनाई गई है। 15सौ रुपए की टिकट लेने वाले भक्तों को जल्द ही बार कोड से स्कैन कर प्रवेश देने की व्यवस्था शुरू की जाएगी।
महाकाल कॉरिडोर एंट्री टिकट 1500 रुपए
महाकाल लोक के अद्भुत सौंदर्य को निहारने व गर्भगृह तक पहुंचकर दर्शन के लिए मंदिर समिति प्रबंधन द्वारा 1500 रुपए टिकट की व्यवस्था की गई है। किन्तु यह टिकट केवल दो पॉलियों में दिया जाता है जो यहां पहुंचने वाले भक्तों के हिसाब से नाकाफी है। समिति के अनुसार महाकाल लोक में गर्भगृह तक पहुंचने के लिए एक दिन में मात्र 580 टिकट ही जारी किए जाते हैं। मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार सुबह 6 से दोपहर 1 बजे तक 150 टिकट जारी किए जाते हैं। जबकि शाम 6 से रात 8 बजे तक 50 टिकट श्रद्धालुओं के लिए दिए जाते हैं। ऐसे में उसी दिन आओ, उसी दिन दर्शन पाओ का सपना साकार होने की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है।
रिजर्व कोटे में 380 टिकट
Mahakal Lok: उज्जैन में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों के दो दर्जन से ज्यादा पुरोहित व पुजारियों के नियमित यजमान की सुविधा को लेकर 380 टिकट रिजर्व कोटे में रखे जाते हैं। यही वजह है कि हर दिन हजारों श्रद्धालु गर्भगृह का सपना पूरा करने से वंचित हो रहे हैं। ऐसे में लोग महाकाल लोक के बाहर ही घूमकर अपनी श्रद्धा की भूख को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि जिन लोगों के पास समय कम था वे अपने साथ सुखद कम दुःखद ज्यादा याद लेकर लौट रहे हैं जो निश्चित तौर पर महाकाल की नगरी के रहवासियों के लिए चिंताजनक बात होना चाहिए।