उज्जैन

एमपी के उज्जैन में धक्का मारने पर चलती हैं 34 कचरा गाड़ियां, हो गईं आउटडेटेड

Sanjay Patel
2 Dec 2022 3:38 PM IST
एमपी के उज्जैन में धक्का मारने पर चलती हैं 34 कचरा गाड़ियां, हो गईं आउटडेटेड
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डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए लगाई गई गाड़ियां आउटडेटेड हो चुकी हैं। जिसके कारण या तो वह चलते-चलते बंद हो जाती हैं या कहीं खड़ी कर दी गईं तो फिर इन्हें धक्का लगाना पड़ता है।

डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए लगाई गई गाड़ियां आउटडेटेड हो चुकी हैं। जिसके कारण या तो वह चलते-चलते बंद हो जाती हैं या कहीं खड़ी कर दी गईं तो फिर इन्हें धक्का लगाना पड़ता है। जिससे वाहनों में तैनात कर्मचारियों की भी मुसीबतें बढ़ना स्वाभाविक है। कई बार तो इन कचरा गाड़ियों को धक्का देकर रास्ते से हटाना पड़ा। गाड़ियों का मेंटीनेंस एजेंसी को करना है किन्तु यह गाड़ियां इतनी पुरानी हो गईं कि इनका मेंटीनेंस मुश्किल हो रहा है। शहर के 54 वार्डों में 97 कचरा गाड़ियां घर-घर पहुंचती हैं जिनमें से 34 की हालत बेहद ही खराब है।

जब टावर चौक में बंद हो गई कचरा गाड़ी

सूखे व गीले कचरे के उठाव करने के लिए डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण योजना की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी। तब से कचरा गाड़ियों के माध्यम से कचरे का उठाव घर-घर जाकर किया जा रहा है। किंतु अब गाड़ियां इतनी पुरानी हो चुकी हैं यह कचरा उठाने में हांफने लगती हैं। सूत्रों की मानें तो कभी-कभी तो यह चलते हुए ही बंद हो जाती हैं। फिर इन्हें धक्का देने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। यदि बीच सड़क में खड़ी हो गईं तो बकायदा धक्का लगाकर इन्हें साइड में किया जाता है। ऐसी ही स्थिति टावर चौक पर निर्मित हुई। जहां कचरा उठाने गई गाड़ी बंद हो गई और उसे कर्मचारियों द्वारा धक्का लगाकर ले जाना पड़ा।

मरम्मत में लग जाता है समय

सूत्रों की मानें तो चार पहिया वाहन की लाइफ 15 वर्ष मानी जाती है पर कचरा ढोने के कारण इनकी लाइफ कम हो गई है। जिससे इन्हें जल्द बदलने या मेंटीनेंस करने की जरूरत है। ग्लोबल एजेंसी द्वारा कचरा वाहनों का मेंटीनेंस किया जाता है। जहां एजेंसी का वर्कशॉप भी है और कर्मचारी भी तैनात हैं किंतु गाड़ियां इतनी पुरानी हो गई हैं कि इंजिन या सेंसर में काम आने पर पार्ट्स बाहर से मंगवाने पड़ जाते हैं। जिसके कारण कई दिनों तक गाड़ियां शोपीस बनकर खड़ी रहती हैं। जिससे कचरा संग्रहण का कार्य प्रभावित होता है। वैसे स्पेयर में भी 6 गाड़ियां रहती हैं जिनसे भी पूर्ति नहीं हो पा रही है।

इनका कहना है

इस संबंध में अपर आयुक्त नगर निगम आदित्य नागर की मानें तो यह बात सही है कि कचरा गाड़ियां काफी पुरानी हो गई हैं। 30 नई कचरा गाड़ियां खरीदने की बात भी उनके द्वारा कही गई तो वहीं कई को रिप्लेस भी किया जाएगा। वहीं मामले को लेकर ग्लोबल एजेंसी ऑपरेशन मैनेजर पारस जैन का कहना है कि कई कचरा गाड़ियां काफी पुरानी हो गई हैं। नगर निगम से इन्हें रिप्लेस करने के लिए बोला गया है। यदि एक कचरा वाहन खराब भी हो जाता है तो उसकी जगह दूसरा भेज दिया जाता है। हमेशा यही कोशिश रहती है कि डोर-टू-डोर कलेक्शन में किसी तरह का गैप न हो।

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