उज्जैन

एमपी के उज्जैन में आईआईटी प्रोफेसर ने परिवार को छोड़ा, 11 वर्षों के लिए बस को बनाया अपना घर

Sanjay Patel
29 Dec 2022 3:07 PM IST
एमपी के उज्जैन में आईआईटी प्रोफेसर ने परिवार को छोड़ा, 11 वर्षों के लिए बस को बनाया अपना घर
x
उज्जैन में एक आईआईटी प्रोफेसर द्वारा अपने परिवार को छोड़कर 11 वर्षाें के लिए बस को अपना ठिकाना बना लिया है। जिसके लिए उनके द्वारा पत्नी और बेटियों से भी अनुमति भी ली गई है।

उज्जैन में एक आईआईटी प्रोफेसर द्वारा अपने परिवार को छोड़कर 11 वर्षाें के लिए बस को अपना ठिकाना बना लिया है। जिसके लिए उनके द्वारा पत्नी और बेटियों से भी अनुमति भी ली गई है। पारिवारिक सपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने बस को अपना घर बना लिया। इस दौरान उनके द्वारा नौकरी से भी पांच साल की अनपेड लीव ली गई। इसके बाद नौकरी, घर-परिवार और आरामदायक जिंदगी छोड़ देश भर की यात्रा पर निकल पड़े।

पर्यावरण बचाने जगा रहे अलख

आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी द्वारा पर्यावरण को बचाने लोगों में अलख जगा रहे हैं। सौर ऊर्जा के लिए उनके द्वारा एनर्जी स्वराज नाम का आंदोलन छेड़ रखा है। जिसके माध्यम से जलवायु परिवर्तन से धरती के बढ़ते तापमान और उससे होने वाले खतरों से लोगों को आगाह कर रहे हैं। लोगों को जागरुक करने की यह यात्रा 11 वर्षों तक जारी रहेगी। परिवार को छोड़कर उन्होंने बस को अपना ठिकाना बना लिया है जिसके माध्यम से विभिन्न देशों का भ्रमण कर लोगों से मुलाकात कर उनको सौर एनर्जी के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। यात्रा का समापन वर्ष 2030 में होगा।

सोलर एनर्जी के प्रति लोगों को कर रहे जागरुक

बताया गया है कि भोपाल से प्रारंभ हुई इस यात्रा की शुरुआत 6 नवंबर 2020 को हुई थी। डॉ. चेतन सोलंकी द्वारा देश भर का भ्रमण कर लोगों को पर्यावरण के प्रति आगाह करने और सौर एनर्जी के बारे में जागरुक करने के लिए इस बस का निर्माण करवाया गया है। इस बस के निर्माण में 35 लाख रुपए की लागत आई है। बस में समस्त सुविधाएं भी मौजूद हैं। अब यही बस डॉ. चेतन का घर बन गया है। दो वर्षों के दरमियान विभिन्न राज्यों में 33 हजार किलोमीटर यात्रा उनके द्वारा की जा चुकी है। अब तक डेढ़ लाख लोगों को सोलर एनर्जी के प्रति उनके द्वारा जागरुक किया जा चुका है। हाल ही में यात्रा गुजरात से उज्जैन पहुंची जहां से महाराष्ट्र के लिए रवाना हो गई।

सर्वसुविधायुक्त है बस

मध्यप्रदेश में तैयार हुई बस में समस्त सुविधाएं मौजूद हैं। जिसमें अधिकांश चीजें सोलर पर निर्भर हैं। बस में मौजूद लाइट, किचन, लाइब्रेरी, बाथरूम, मंदिर, गार्डन, बेड सहित ऑफिस की भी सुविधा मौजूद है। बस में ही पांच सदस्यीय प्रोफेसर की टीम भी काम करती है। जिनके द्वारा आगे का प्लान तैयार किया जाता है। इसके साथ ही 30 अन्य लोगों की भी टीम है जो अलग-अलग शहरों में रहकर काम कर रही है। डॉ. सोलंकी की एनर्जी स्वराज सर्वसुविधायुक्त बस ही अब उनका घर बन गया है। अब तक उनके द्वारा मध्यप्रदेश, गुजरात केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू कश्मीर की यात्रा की जा चुकी है।

Next Story