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एमपी के उज्जैन केन्द्रीय जेल से स्वतंत्रता दिवस पर 17 कैदियों को मिलेगी रिहाई, घर तक छोड़ने जाएगा जेल प्रशासन
मध्यप्रदेश के उज्जैन केन्द्रीय जेल से स्वतंत्रता दिवस पर 17 कैदियों को रिहाई मिलेगी। इस दौरान यदि किसी कैदी को लेकर परिजन नहीं आता है तो ऐसी स्थिति में इस बार जेल पुलिस द्वारा स्वयं कैदी को घर तक पहुंचाया जाएगा। जेल प्रबंधन द्वारा इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जेल प्रशासन रिहा होने वाले कैदियों का फूल माला पहनाकर सम्मान के साथ रिहाई देगा।
16 पुरुष व 1 महिला बंदी शामिल
उज्जैन स्थित केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में हत्या, लूट, डकैती जैसे जघन्य अपराधों में सजा काट रहे 17 कैदियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिहा किया जाएगा। सजा में छूट देकर उनको रिहाई मिलेगी। जिसमें उज्जैन जिले के पांच कैदी शामिल हैं। इस बार खास बात यह है कि जेल प्रशासन रिहा होने वाले कैदियों को फूल माला पहनाकर सम्मान के साथ उनके घर तक छोड़ने के लिए जाएगी। स्वतंत्रता दिवस पर केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बंद 16 पुरुष और एक महिला कैदी की सजा माफ की जा रही है। इनमें हत्या के मामले में सश्रम आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की संख्या अधिक है।
10 साल से अधिक काट चुके हैं सजा
जेल प्रशासन ने इन कैदियों के रिकार्ड को देखते हुए सजा माफी की अनुशंसा शासन से की गई थी। जिसके बाद 17 कैदियों की सजा माफ करने के आदेश जारी किए गए हैं। इन कैदियों को मंगलवार 15 अगस्त के दिन सुबह सम्मान के साथ जेल से रिहा किया जाएगा। यदि किसी कैदी को लेने उनके परिजन नहीं आता है तो ऐसी स्थिति में इस बार जेल पुलिस स्वयं कैदी को घर तक छोड़ने के लिए जाएगी। वहां परिजनों से पावती पर हस्ताक्षर लेगी। रिहा होने वाले सबसे ज्यादा कैदी उज्जैन जिले के हैं। जिनमें उज्जैन के 5, देवास के 4, रतलाम और नीमच के 3-3 कैदी शामिल हैं। इसके साथ ही मंदसौर व राजगढ़ से एक-एक कैदी हैं। इनमें से दो कैदी ऐसे हैं जिनको आजादी के अमृत महोत्सव में अतिरिक्त पहल के तहत रिहा किया जाएगा।
इनका कहना है
इस संबंध में केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ के जेल अधीक्षक मनोज साहू का कहना है कि हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शासन द्वारा प्रदेश की जेल में विभिन्न मामलों में सजा काट रहे कैदियों को अच्छे आचरण व रिकार्ड को देखते हुए सजा में माफी देते हुए रिहाई दी जाती है। माफी अधिकतम 6 साल तक की हो सकती है। उनका कहना है कि कैदी 10 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं। इनका नाम शासन के पास भेजा गया था जिसके बाद 17 कैदियों की सजा माफ करने के आदेश जारी किए गए हैं।