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मध्य प्रदेश के टूरिस्ट प्लेस: एमपी के इस मंदिर में आपको देखने मिलेगा विश्व का सबसे पुराना लिखा हुआ Zero

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
16 July 2022 7:45 PM IST
Updated: 2022-07-16 14:03:46
मध्य प्रदेश के टूरिस्ट प्लेस: एमपी के इस मंदिर में आपको देखने मिलेगा विश्व का सबसे पुराना लिखा हुआ Zero
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Tourist Place of Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश का अस्तित्व इसकी स्थापना से भी हज़ारों साल पहले से है जहां पौराणिक, ऐतिहासिक, और वन सम्पदा से भरे सैंकड़ो पर्यटन स्थल हैं

Tourist Place In Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश मतलब हिंदुस्तान का दिल जो आकर में तो बहुत बड़ा है कि साथ यहां का इतिहास और पर्यटन भी बहुत विशाल है। जब एमपी की स्थापना नहीं हुई थी उससे हज़ारों साल पहले से यहां मानव सभ्यता का विकास शुरू हो चुका था. आज हम आपको मध्य प्रदेश में मौजूद एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहां विश्व का सबसे पुराना शून्य मतलब Zero लिखा हुआ है और आज भी संरक्षित है


हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में मौजूद चतुर्भुज मंदिर की (Chaturbhuj Mandir Gwalior) जहां दुनिया का सबसे पुराना जीरो विशाल शिला में उकेरा गया है। आपको ये तो मालूम होगा कि सन 400 में महान खलोगशास्त्री और गणितज्ञ आचार्य आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की थी. लेकिन यह मंदिर आज से 3000 हज़ार साल पुराना है. लेकिन हो सकता है कि आर्यभट्ट की खोज के बाद मंदिर में जीरो और अन्य लिपि लिखी गई हो

Oldest Written Zero In Chaturbhuj Mandir Gwalior: ग्वालियर में स्थित चतुर्भुज मंदिर में भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है. यहां उनकी प्राचीन प्रतिमा विराजी हुई है। यह मंदिर ग्वालियर किले से पूर्वी दिशा में दिखाई पड़ता है।


इस मंदिर का निर्माण वैल्लभभट्ट के पुत्र और गुर्जर-प्रतिहार वंश के नागभट्ट के पोते अल्ला ने करवाया था. इसका निर्माण 876 BC मतलब ईसा पूर्व हुआ था. मतलब आज से लगभग 3 हज़ार साल पहले

जीरो का सबसे प्राचीन लिखित रिकॉर्ड है


दूर-दूर देश-विदेशों से यहां श्रद्धालु तो आते ही हैं साथ आर्कियोलॉजिस्ट और रिसर्चर इस मंदिर में उकेरी गई लिपि और लिखे गए जीरो को देखने और इसका रहस्य सुलझाने के लिए यहां पहुचंते हैं. यह बड़े-बड़े गणितज्ञों के लिए रिसर्च और अध्यन का केंद्र है। मंदिर की दिवार में मौजूद 9 वीं शताब्दी के शिलालेख में 2 बार ज़ीरो लिखा गया है। साथ ही पुरानी लिपि में कुछ उकेरा गया है जिसे कोई पढ़ नहीं पाता।

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