कैलाश-मानसरोवर यात्रा में कितना पैसा खर्च होता है? चीन ने फीस बढ़ा दी है, जानें अब कितना खर्चा होगा
Kailash-Mansarovar Yatra Cost: तीन साल बाद कैलाश-मानसरोवर यात्रा वापस से शुरू हो रही है. चीन ने वीजा सेना शुरू कर दिया है. लेकिन इस बार नियम बहुत कड़े हैं और फीस भी बढ़ा दी गई है. मान लीजिये की कैलाश-मानसरोवर यात्रा अब दो गुनी महंगी हो गई है.
कैलाश मानसरोवर यात्रा में कितना पैसा खर्च होता है
चीन ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी फीस बढ़ा दी है. अब जिन भारतीयों को भगवान भोलेनाथ की तपोभूमि के दर्शन करने हैं उन्हें कम से कम 1.85 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे। और अगर यात्रा में नेपाल के किसी वर्कर का हेल्पर की मदद लेनी है तो 300 डॉलर अलग से देने होंगे यानी 24 हजार रुपए का खर्चा अलग होगा। तीन साल पहले इस यात्रा का कम से कम खर्च 90 हजार रुपए हुआ करता था
चीन ने कैलास मानसरोवर यात्रा की फीस बढ़ाई
चीन ने इस यात्रा की फीस बढ़ाने के पीछे अजीब तर्क दिया है. चीन का कहना है कि यात्रा के दौरान कैलाश पर्वत के आसपास मौजूद घास को नुकसान पहुँचता है. इसी नुकसान की भरपाई के लिए उसने 'ग्रास डैमेजिंग फी' को लागू कर दिया है.
कैलाश-मानसरोवर यात्रा के नए नियम
चीन ने इस यात्रा के लिए नए नियम बना दिए हैं. अब यात्रियों को काठमांडू बेस पर ही अपना यूनिक आइडेंटिफिकेशन कराना होगा। इसके लिए फिंगर मार्क्स, रेनिटा की स्कैनिंग होगी।
वीजा पाने के लिए कम से कम 5 लोगों का ग्रुप होना जरूरी है. इनमे से 4 लोगों को अनिवार्य तौर पर वीजा के लिए खुद पहुंचना होगा
तिब्बत में एंट्री करने वाले यात्रियों को नेपाली श्रमिकों को ग्रास डैमेजिंग फी देनी होगी। जो 300 डॉलर है.
किसी भी वर्कर को साथ रखने के लिए 15 दिनों की फीस 13000 प्रवास फीस भी ली जाएगी। पहले यह फीस 4000 रुपए थी
यात्रा संचालित करने वाली फर्मों को 60,000 डॉलर चीनी सरकार के पास जमा करने होंगे।
कैलाश मानसरोवर यात्रा में कितने दिन लगते हैं
कैलाश यात्रा तीन अलग-अलग राजमार्गों से होती है. पहला उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा से, दूसरा सिक्किम के नाथू दर्रा से और तीसरा नेपाल के काठमांडू से. इन तीनों रास्तों में कम से कम 14 और ज़्यादा से ज़्यादा 21 दिन का समय लगता है.