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NASA DART Mission: आज धरती को बचाने के लिए नासा 10 लाख किलो के एस्टेरॉइड को अंतरिक्ष में तबाह कर देगा
DART NASA: मानव इतिहास में पहली बार एक एस्टेरॉइड को अंतरिक्ष में ही तबाह करने का मिशन होने वाला है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने पृथ्वी को नष्ट होने से बचाने का बीड़ा उठाया है. NASA ने इसके लिए DART यानी Double Asteroid Redirection Test करने वाला है जो सीधा पृथ्वी की तरह बढ़ रहे 10 लाख किलो वजनी उल्कापिंड को अंतरिक्ष में धुल और पत्थर में बदल देगा।
NASA DART Mission Timing: अमेरिकी समय अनुसार 26 सितम्बर की शाम 7.14 मिनट पर और भारतीय समय के अनुसार 27 सितम्बर सुबह 4.40 मिनट पर. धरती से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर धमाका होगा। NASA का अंतरिक्ष यान, डाइमॉरफस (Dimorphus) नामक एक 10 लाख किलो वजनी एस्टेरॉइड से टकराएगा। ऐसा करके NASA पृथ्वी की तरह बढ़ रहे इस परग्रही चट्टान को तबाह कर देगा या उसका डायरेक्शन बदल देगा। मानव इतिहास में पहली बार कोई अंतरिक्ष यान किसी उल्कापिंड से टकराएगा
अमेरिका का मिशन डार्ट
NASA Mission DART: NASA अपने DART मिशन के लिए तैयार है. जो अंतरिक्ष में पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे एक उल्कापिंड से टकराएगा। इस मिशन का मकसद उस उल्कापिंड को नष्ट करना नहीं है बल्कि उसकी दिशा बदल देना है. ताकि वह पृथ्वी की तरफ ना बढे. NASA का DART मिशन अपने आप में ऐसा पहला टेस्ट होगा जो पृथ्वी को एक एस्टेरॉइड की टक्कर होने से बचाने के लिए अंजाम दिया जाएगा।
1.1 करोड़ किलोमीटर दूर है निशाना
जिस उल्कापिंड की दिशा बदलने के लिए NASA अपना DART भेज रहा है वह पृथ्वी से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर होगा। अंतरिक्ष में यह मामूली सी दूरी है. जिस डाइमॉरफस (Dimorphus) नामक उल्कापिंड का डायरेक्शन बदलने के लिए नासा DART मिशन टेस्ट कर रहा है वह 164 मीटर चौड़ा और 535 फ़ीट ऊँचा है. इस तरह के दो एस्टेरॉइड हैं पहले का नाम डाइमॉरफस (Dimorphus) है और दूसरे का नाम डिडिमॉस (Didymos) है जो 2560 फ़ीट लम्बा है. अगर इन दोनों में से कोई भी उल्कापिंड पृथ्वी से टकरा गया तो इंसानों और यहां रहने वाले हर प्राणी का वही हाल होगा जो करोड़ों साल पहले डायनासोर का हुआ था.
एक साल पहले DART को लॉन्च किया गया था
1.1 करोड़ किलोमीटर दूर डाइमॉरफस (Dimorphus) और डिडिमॉस (Didymos) तक पहुंचने के लिए NASA का DART जो सिर्फ 19 मीटर लम्बा है उसे 24 नवंबर 2021 के दिन लॉन्च किया गया था. 10 महीने तक सफर करने के बाद 27 सितम्बर की सुबह 4 बजे वह डाइमॉरफस (Dimorphus) से टकराएगा। इस मिशन के लिए NASA ने 33 करोड़ डॉलर यानी 26 अरब रुपए खर्च किए है.