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Mangalyaan Mission: ISRO के मंगलयान का मिशन खत्म, संपर्क टूटा, ईंधन और बैटरी खत्म हो गई थी
Mangalyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष शोध संसथान (ISRO) के मंगलयान (Mangalyaan) का मिशन खत्म हो गया. मंगलयान ने इसरो को जानकारी भेजनी बंद कर दी. दरअसल मंगलयान का ईंधन और बैटरी खत्म हो गई. इसी के साथ अब 450 करोड़ रुपए का मंगलयान लावारिस मंगल गृह (Mars) की कक्षा में अनंतकाल के लिए चक्कर काटता रहेगा।
मंगलयान को ISRO ने 5 नवम्बर 2013 को लॉन्च किया था, यह देश का सबसे सस्ता स्पेस मिशन था. भारत ने मंगलग्रह के लिए पहली बार सेटेलाइट लॉन्च की थी जिसकी लागत सिर्फ 450 करोड़ रुपए थी. 5 नवंबर 2013 को लॉन्च होने के बाद मंगलयान मंगल ग्रह की कक्षा में 24 दिसंबर 2014 तक पहुंचा था.
6 महीने का मिशन था पर 8 साल चला
दरअसल ISRO ने अपने मंगलयान को मंगल गृह के ऑर्बिट के चक्कर काटने के लिए सिर्फ 6 महीने के लिए भेजा था. ISRO ने इसी अवधि के हिसाब से इसमें ईंधन और बैटरी डाली थी. लेकिन मंगलयान 8 सालों तक अपना काम करता था. भारतीय वैज्ञानिकों ने मंगलयान को सिर्फ ISRO की टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित करने के लिए भेजा था.
मंगलयान की बैटरी डिस्चार्ज हो गई
ISRO के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सेटेलाइट में लगी बैटरी सूर्य की रौशनी से चार्ज होती थी, उसके बिना यह सिर्फ 40 मिनट तक काम करती थी. हाल ही में मंगल गृह पर कई बार सूर्यग्रहण हुआ. सबसे लम्बा सूर्य ग्रहण 7.5 घंटे का कहा. इसी लिए बैटरी चार्ज नहीं हो पाई और डेड हो गई
सबसे कम लगत का सेटेलाइट था मंगलयान
ISRO का मंगलयान मिशन से इमोशन जुड़ा हुआ है, मंगल गृह में भेजे जाने वाले मंगलयान के लिए ISRO कभी सीरियस नहीं था. और ना ही इसके लिए बजट था. सिर्फ 450 करोड़ रुपए की लागत के साथ इसे 6 महीने में बनाया गया. यहां तक की Hollywood की फिल्म ग्रेविटी का बजट भी मंगलयान से ज़्यादा था. भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जो पहली कोशीश में मंगलग्रह के ऑर्बिट तक गया. इस मंगलयान ने ग्रह की 1 हज़ार से ज़्यादा तस्वीरें इसरो को भेजीं थीं जिससे पूरे ग्रह का एटलस तैयार हुआ.