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India US Semiconductor Deal: भारत-अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर चिप बनाने की डील पक्की, इससे क्या फायदा होगा?

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
12 March 2023 10:00 AM
Updated: 12 March 2023 10:00 AM
India US Semiconductor Deal: भारत-अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर चिप बनाने की डील पक्की, इससे क्या फायदा होगा?
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Indo-US Semiconductor Chip Deal: सेमीकंडक्टर के मामले में भारत फ़िलहाल दूसरे देशों पर निर्भर है

Indo-US Semiconductor Chip Deal: पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर चिप की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई को बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका साथ मिलकर काम करेंगे। 10 मार्च को India-USA के कमर्शियल डायलॉग के दौरान दोनों देशों के बीच MoU साइन किया गया है. उद्योग मंत्री पियूष गोयल के बुलावे पर अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमोंडो भारत-अमेरिका CEO फोरम में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंची थीं. दोनों देशों के बीच सेमी कंडक्टर सप्लाई चेन और इनोवेशन के सेक्टर में पार्टनरशिप को लेकर आपस में करार हुआ है.

इंडिया यूएस सेमीकंडक्टर डील

पूरे विश्व में सेमीकंडक्टर को लेकर बवाल मचा हुआ है. चीन के बनाए सेमीकंडक्टर की पहुंच इस लिए कमजोर हो गई है क्योंकि अमेरिका ने चीन पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं. ऐसे में अमेरिकी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पार्ट की सप्लाई चैन में भारतीय कंपनियों के साथ काम करना चाहती हैं.

भारत सरकार ने चिप और डिस्प्ले उत्पादन के लिए 1000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन योजना शुरू की है. ऐसे में भारत-अमेरिका के बीच हुई इस डील से दोनों देशों को फायदा होगा।

भारत दूसरे देशों पर निर्भर था

सेमीकंडकर के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर रहा है. लेकिन इस डील के बाद भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हब बन सकता है. और कई बड़े-बड़े देशों को इस मामले में पीछे छोड़ सकता है. फ़िलहाल पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर का 66% उत्पादन ताईवान में होता है. इसके बाद 17% दक्षिण कोरिया और 8% चीन करता है. बाकी 9% में अन्य देश आते हैं.

सेमीकंडक्टर के मामले में पूरी दुनिया सिर्फ ताइवान, चीन और पर निर्भर है. भारत हर साल 1.76 लाख करोड़ के सेमीकंडक्टर इम्पोर्ट करता है. जो 2025 तक 7.5 लाख करोड़ तक जा सकता है.

लाखों लोगों को नौकरियां मिलेगी

भारत और अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर को लेकर हुई डील से सबसे ज़्यादा फायदा भारत को होगा, यहां लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। बता दें कि भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन करने वाले 85 हजार इंजीनियर की जरूरत पड़ेगी इसके अलावा अन्य छोटे-बड़े कामों के लिए भी हज़ारों रोजगार बनेगे।

क्या होता है सेमीकंडक्टर

सेमीकंडक्टर के बिना इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बन ही नहीं सकते। कंप्यूटर, लैपटॉप, कार, वॉशिंग मशीन, ATM, अस्पतालों की मशीन से लेकर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन तक सेमीकंडक्टर चिप पर ही काम करते हैं। यहां तक की बच्चों के खेलने वाले वीडियो गेम में भी सेमीकंडक्टर होता है.

सेमीकंडक्टर प्लांट कहां बनेगा

भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात के धोलेरा में बनाया जाएगा, इसे वेदांत और ताईवान की Foxconn मिलकर बना रही हैं. 'गुजरात सेमीकंडक्टर नीति 2022-27' के तहत इस प्रोजेक्ट को सब्सिडी और प्रोत्साहन देगी।

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