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सेटेलाइट इंटरनेट क्या है, ये कैसे काम करेगा, Starlink और Jio इसमें बड़ा दांव खेल रहे हैं
How Satellite Internet Works: चाहे Elon Musk की सेटेलाइट कंपनी Starlink हो या फिर Fcebook, Google, और Mukesh Ambani की Jio, हर कोई सेटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड कराने की रेस में दौड़ रहा है। इस कॉम्पिटिशन में सबसे आगे दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलोन मस्क हैं. वहीं जियो ने भी देश में अपनी सेटेलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी फैलाने के लिए विदेशी कंपनी SES के साथ पार्टनरशिप की है.
आखिर ये सेटेलाइट इंटरनेट है क्या, सेटेलाइट इंटरनेट से क्या होगा और इससे पृथ्वी में बैठे यूजर को तगड़ा इंटेरेंट कैसे मिलेगा यह सवाल सबके मन में हैं. लेकिन एक बात पक्की है कि सेटेलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी आपके इंटरनेट चलाने के अनुभव को बदल कर रख देगी।
क्या है सेटेलाइट इंटरनेट
सेटेलाइट इंटरनेट को समझने से पहले आप ये समझिये की सेटेलाइट क्या होता है? "सेटेलाइट एक ऐसी मशीन या डिवाइस होती है जो अंतरिक्ष में मौजूद रहकर चक्कर काटती रहती है" इसका इस्तेमाल मौसम की जानकरी से लेकर हमें लाइव टेलीकास्ट सुविधा देती है। जैसे आपके घर की छत पर टीवी वाली छतरी लगी होगी वो सीधा सेटेलाइट से कनेक्टेड रहती है तभी तो आपकी टीवी में लाइव शो, और सीरियल चलते हैं. सेटेलाइट सीधा घर में लगी छतरी को सिग्नल देता है। अब ऐसे सेटेलाइट से टीवी शोज टेलीकास्ट होते हैं, सिनेमाहॉल्स में मूवीज टेलीकास्ट होती है वैसे ही इंटरनेट भी होगा। भारत में सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करना कोई बड़ी बात नहीं है।
सेटेलाइट इंटेरेंट की ज़रूरत ही क्या है?
अभी तो हम लोग इंटेरेंट कैसे यूज करते हैं? या तो फाइबर केबल से या फिर सीधा मोबाइल टावर से, लेकिन ऐसे कई गांव हैं जहां टावर तक नहीं है तो इंटरनेट फाइबर दूर की बात है, और अगर भारत के हर एक घर को इंटरनेट से जोड़ना है तो कहां तक तारें बिछाई जाएंगी? इसी लिए सेटेलाइट इंटरनेट की बहुत ज़रूरत है। तार बिछाने टावर गाड़ने से अच्छा है कि सीधा सेटेलाइट से इंटरनेट मिले।
इससे कोई दिक्क्त नहीं होगी क्या?
सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस से पूरे देश क्या पूरी दुनिया को इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है। कोई भी सेटेलाइट पृथ्वी से 22000 मील दूर होती है और आपको इससे इंटेरेंट बहुत भयंकर टाइप का मिलेगा। इसकी लेटेंसी 600 मिली सेकेंड होती है। (लेटेंसी का मतलब होता है कहीं से डेटा भेजने और रिसीव करने के बीच लगने वाला समय) ये तो बढ़िया चीज़ है लेकिन एक दिक्क्त है, वो ये है कि जैसे बारिश, तूफान, बर्फ़बारी होने से घर में लगा डिश टीवी तक सिग्नल नहीं पंहुचा पता वैसे ही ऐसी सिचुएशन में सेटेलाइट इंटेरेंट भी ठप्प हो सकता है और यह बहुत महंगा भी है।
कौन-कौन सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर बनना चाहता है
आपको एलोन मस्क की कंपनी Starlink के बारे में पता होगा, यह भारत में सबसे पहले सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनी होगी, वहीं मुकेश अंबानी की Jio ने लग्जमबर्ग बेस्ड कंपनी SES के साथ देशभर में सैटलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस देने के लिए हाथ मिलाया है. इसके अलावा Google का Project Loon, Facebook, Airtel, और Amazon भी इसमें काम कर रही हैं।
भारत सरकार क्या चाहती है
भारत सरकार देश के 6 लाख गांवों तक साल 2023 में इंटरनेट कनेक्टिवि फैलाना चाहती है, साल 2020 तक 1.5 लाख ग्राम पंचायत को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया गया है। सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस के आने से सरकार को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होगी। भारत के 90% गांवों तक इंटरनेट कनेक्टिवि होगी।