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पृथ्वी की तरफ 16,13,520 किलोमीटर की रफ़्तार से बढ़ रहा सूर्य से उठा भूचुंबकीय तूफ़ान
Geomagnetic storm: शुक्रवार को धरती पर भूचुंबकीय तूफ़ान के टकराने की आशंका जताई गई है. सूर्य की तरफ से उठे इस सोलर तूफान की रफ़्तार 16,13,520 किलोमीटर प्रति घंटा है. शनिवार को भी धरती के कई हिस्सों में इसका असर बना रहेगा। सोलर तूफान से उत्पन्न होने वाली भूचुंबकीय तरंगे, रेडिओ सिग्नल और पॉवर ग्रिड को नुकसान पंहुचा सकती हैं.
अमेरिकी स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर (ASWPC) का कहना है कि सूर्य की सतह पर मौजूद मृत सनस्पॉट "R 2987" से अत्यधिक ऊर्जा वाली तरंगे उछलकर सूर्य से अलग हो जाएंगी और अंतरिक्ष में पहुंच जाएंगी। ये सनस्पॉट पिछले कुछ दिनों से एक्टिव हो रहा था. 14 अप्रैल को जीएस श्रेणी का भूचुंबकीय तूफान उठा है जो शुक्रवार और शनिवर को पृथ्वी में आपका असर दिखाएगा।
सोलर तूफान से पृथ्वी में क्या असर पड़ेगा
ASWPC का कहना है कि उन्होंने जिओमैग्नेटिक स्टॉर्म वाच जारी की है. वो इस सोलर तूफान के लिए तैयार हैं. पृथ्वी इस भूचुंबकीय तूफान को सहन कर लेगी। हालांकि कई हिस्सों में रेडियों सिग्नल गयाब हो सकते हैं और पॉवरग्रिड खराब हो सकते हैं.
भूचुंबकीय तूफ़ान के पृथ्वी में पहुंचने पर एक बड़ी गड़बड़ी भी हो सकती है. ऐसा तब होगा जब हवा से पृथ्वी के नजदीक अंतिरक्ष वातावरण में ऊर्जा का ज़्यादा ट्रांजेक्शन होगा। ASWPC का कहना है कि इसका असर 15 और 16 अप्रैल तक पृथ्वी में रहेगा
क्या सोलर तूफान से इंसानों को खतरा है
सोलर तूफान तेज़ गर्मी देने वाला होता है. गर्मी से ज़्यादा कोई और परेशानी की बात नहीं है. सोलर तूफान इंसानों के लिए उतना घातक नहीं होता है. यह सिर्फ तरंगे होती हैं जो रेडिओ सिग्नल और पॉवरग्रिड को नुकसान पहुंचाती हैं