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iPhone 15 Launch: लॉन्च हुआ आईफोन-15, टाइप-C पोर्ट और 48 MP कैमरा मिलेगा; शुरूआती कीमत ₹79,900

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
13 Sept 2023 9:25 AM IST
Updated: 2023-09-13 03:55:16
Apple iPhone 15 launch
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Apple iPhone 15 launch

iPhone 15 Launch: अमेरिकी कंपनी एपल ने मंगलवार, 12 सितंबर को वंडरलस्ट इवेंट में अपने आईफोन 15 सीरीज को लॉन्च किया है।

Apple iPhone 15 Launch: अमेरिकी टेक कंपनी एपल ने मंगलवार, 12 सितंबर को अपने आईफोन 15 सीरीज को लॉन्च किया है. iPhone 15 की लांचिंग का इवेंट 'Wonderlust' भारतीय समयानुसार रात साढ़े 10 बजे से शुरू हुआ. जिसमें कम्पनी ने आईफोन-15 के साथ वॉच सीरीज 9 और वॉच अल्ट्रा 2 को पेश किया. एपल ने पहली बार चार्जिंग के लिए टाइप-सी पोर्ट दिया है, इसके पहले लाइटनिंग पोर्ट मिलता था. आईफोन 15 के चार वेरिएंट पेश किए गए हैं, शुरूआती कीमत ₹79,900 तय की गई है.

इस बार आईफोन-15 में 48 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है. आईफोन-15 और 15 प्लस में A16 बायोनिक चिप दी गई है. वहीं आईफोन-15 प्रो और प्रो मैक्स में A17 प्रो चिप मिलेगी. प्रो मॉडल्स की बॉडी में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है.

22 सितंबर से मिलेगा आईफोन और वॉच

नए आईफोन को 15 सितंबर शाम 5.30 बजे से प्री ऑर्डर किया जा सकता है. ये 22 सितंबर से मिलने लगेगा. नई एपल वॉच अभी से ही प्री ऑर्डर के लिए अवेलेबल है. ये भी 22 सिंतबर से मिलेगी. एयरपॉड प्रो सेकेंड जनरेशन टाइप सी पोर्ट के साथ 22 सिंतबर से मिलेगा.

iPhone 15 वेरिएंट्स और कीमत

आईफोन128GB256GB512GB
आईफोन 15₹79,900₹89,900
₹1,09,900
आईफोन 15 प्लस₹89,900
₹99,900
₹1,19,900
आईफोन 15 प्रो₹1,34,900
₹1,44,900
₹1,64,900
आईफोन 15 प्रो मैक्स₹1,59,900
₹1,79,900
₹1,99,900

iPhone 15 कलर्स

आईफोन 15 और आईफोन 15 प्लस को पिंक, येलो, ग्रीन, ब्लू और ब्लैक कलर में पेश किया गया है. इसकी बॉडी एल्युमीनियम विथ कलर इंफ्लूजड बैक गिलास से लैस है. जबकि आईफोन 15 प्रो और प्रो मैक्स को चार कलर ऑप्शन में पेश किया गया है, जिनमें नेचरल टाइटेनियम, ब्लू टाइटेनियम, वाइट टाइटेनियम और ब्लैक टाइटेनियम शामिल हैं.

अब तक दुनियाभर में 230 करोड़ से अधिक iPhone बेचे जा चुके हैं. 2007 में सबसे पहला आईफोन स्टीव जॉब्स ने लाँच किया था.

एपल अब ऐसा ब्रांड बन चुका है, जो बाकी स्मार्टफोन से अलग है. अपनी खूबियों की वजह से इसका मार्केट पूरी तरह से अलग है, जो यूजर एक बार आईफोन का इस्तेमाल कर लेता है, वह आसानी से दूसरी कंपनी के स्मार्टफोन की तरफ रुख नहीं कर पाता है.

अब जानते हैं कि आखिर एपल के प्रोडक्ट में ऐसा क्या खास है, जिसे लोग इतना पसंद करते हैं:

एपल के DNA में थिंक डिफरेंट

  • एपल कभी बाजार में मौजूद प्रोडक्ट से कॉम्पिटिशन नहीं करता. खुद का इनोवेटिव प्रोडक्ट लाने में यकीन रखता है.
  • एपल ने 1977 में होम कंप्यूटिंग सिस्टम Apple II लॉन्च किया था. यह एपल 1 का अपडेटेड वर्जन था. Apple II को रेडी-टु- यूज कंप्यूटर सिस्टम के तौर पर पेश किया गया था. इसमें सर्किट मशीनरी, एक कीबोर्ड और परमानेंट मेमोरी थी.
  • 2014 में Apple ने अपनी पहली स्मार्टवॉच रिलीज की थी. ऐसा करने वाली वो पहली कंपनी नहीं थी, लेकिन Apple स्मार्टवॉच के बेहतरीन डिजाइन और एडवान्स्ड फीचर्स ने इस इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदल दिया.
  • 2016 में एपल ने iPhone 7 लाइनअप में 3.5 मिमी हेडफोन जैक हटा दिया था. इस कदम से पूरी दुनिया हैरान थी. हेडफोन जैक हटाने के साथ एपल ने एयरपॉड रिलीज किए जिसने पूरी हेडफोन इंडस्ट्री में रिवॉल्यूशन ला दिया.
  • एपल ने साल 2021 में एयरटैग लॉन्च किया था. एयरटैग एक ट्रैकिंग डिवाइस है. इसका इस्तेमाल चाबियों या बैग जैसी चीजों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है.
  • एपल ने M1 CPU चिप लॉन्च की है. इस चिप से इंटल के CPU को रिप्लेस कर दिया है. Macs और Pads की न केवल परफॉर्मेंस बेहतर हुई है, बल्कि CPU इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव भी आया है.

लंबे समय तक चलने वाले प्रोडक्ट

  • एपल के प्रोडक्ट्स की हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्वालिटी अन्य कंपनियों की तुलना में काफी बेहतर होती है. इसके एंट्री लेवल डिवाइसेज में भी बेहतरीन बिल्ड क्वालिटी नजर आती है. इस वजह एपल के प्रोडक्ट्स लंबे समय तक चलते हैं.
  • एपल डिवाइसेज की लाइफ आमतौर पर लंबी होती है. कई यूजर्स ने नोटिस किया है कि उनके डिवाइस कई सालों के इस्तेमाल के बाद भी अच्छा परफॉर्म कर रहे है.
  • एपल के प्रोडक्ट्स के हार्डवेयर को एल्युमिनियम और ग्लास जैसे मटेरियल्स का यूज करके डिजाइन, मैन्युफैक्चर और असेंबल किया जाता है, जो इसे प्रीमियम बनाता है.
  • एपल का एक बड़ा फायदा इसका सॉफ्टवेयर अपडेट भी हैं. कंपनी आम तौर पर अपने डिवाइसेज में रिलीज की तारीख के बाद 5 से 6 साल तक सॉफ्टवेयर अपडेट देती है.

प्राइवेसी एंड सिक्योरिटी की चिंता नहीं

  • एपल के पास प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए खास आर्किटेक्चर हैं. वो डेटा सिक्योरिटी को लेकर समझौता नहीं करती. 2016 में आतंकी सैयद फारूख के पास से FBI को आईफोन मिला था. इसे अनलॉक करने के लिए एजेंसी ने एपल से मदद मांगी, लेकिन एपल ने मना कर दिया था.
  • फेसटाइम और iCloud जैसी एपल सर्विसेज आपके फोन से आने-जाने वाले डेटा और एपल के सर्वर पर संग्रहीत डेटा की सुरक्षा के लिए एन्क्रिप्शन इस्तेमाल करती हैं.
  • कोई बग आने पर एपल बिना किसी इंटरफेरेंस के तुरंत सॉफ्टवेयर अपडेट देती है.
  • एपल के डिवाइसेस में वायरस के खतरे की संभावना बहुत कम होती है. इसके सॉफ्टवेयर को इस तरह से लिखा जाता है कि अटैकर्स आसानी से सिस्टम पर अटैक नहीं कर सकते.

बेहतरीन कस्टमर एक्सपीरियंस

  • एपल को अपने प्रीमियम कस्टमर एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता है. एपल के प्रोडक्ट में हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर समस्या हो रही है तो सपोर्ट प्राप्त करना आसान है. टेक्निकल सपोर्ट टीम से कॉन्टेक्ट कर आप अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं.
  • एपल मानता है- 'ग्राहक ही भगवान है' और भगवान आप पर हमेशा कृपा बनाए रखें इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. एपल हर चीज इसी मानसिकता को ध्यान में रखकर बनाता है.
  • यूजर को किसी भी तरह की समस्या होने पर कंपनी के पास सपोर्ट के लिए डेडिकेटेड ऐप और वेबसाइट है. किसी एपल स्टोर में आप इन पर्सन अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं.

ब्रांडिंग पर फोकस

  • एपल एक लग्जरी लाइफस्टाइल ब्रांड बन गया है. एपल ने अपने प्रोडक्ट्स की इस तरह से ब्रांडिंग की है कि इसे स्टेटल सिंबल माना जाता है.
  • एपल की इमोशनल ब्रांडिंग स्टैटजी है. सेल इमोशन नॉट प्रोडक्ट . 1976 में लॉन्च होने के बाद से कंपनी ने लॉयल कस्टमर्स की कम्युनिटी के डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी है.
  • एपल अपने यूजर को प्राथमिकता देता है. उदाहरण के लिए, एपल का 'शॉट ऑन आईफोन विज्ञापन. इसमें उसने यूजर्स के आईफोन के शूट किए वीडियो को शामिल किया था.
  • एपल को काफी इंप्रेसिव और ग्राउंड ब्रेकिंग एडवर्टाइजमेंट के लिए भी जाना जाता है. ब्रांड क्रिएट करने इन एडवर्टाइजमेंट की बड़ी भूमिका रही है.

एपल की सफलता का राज

एपल में सैकड़ों की संख्या में स्पेशल टीम हैं, जिसमें से दर्जनों टीम सिर्फ किसी एक उत्पाद के किसी एक फीचर पर रिसर्च करती है. जैसे....

2009 में एपल में कैमरा टेक्नोलॉजी के चीफ साइंटिस्ट पॉल हुबल आईफोन का पोट्रेट फीचर डेवलप कर रहे थे, उस समय सिर्फ महंगे और सिंगल लेंस वाले कैमरा ऐसी फोटो ले सकते थे.

पोट्रेट मोड को समझने के लिए दुनिया के बेस्ट फोटोग्राफर्स की पोट्रेट तस्वीरें मंगवाई गई. इंजीनियर्स की टीम ने उन्हें बारीकी से समझा. अल्गोरिदम बनाई गई.

पोट्रेट मोड के साथ डुअल लैस कैमरा लॉन्च होने की योजना में 40 स्पेशलिस्ट टीमें इसके पीछे लगाई गईं. मसलन- सिलिकॉन डिजाइन, कैमरा सॉफ्टवेयर, रिलायबिलिटी इंजीनियरिंग, मोशन सेंसर हार्डवेयर, वीडियो इंजीनियरिंग, कोर मोशन और कैमरा सेंसर डिजाइन. फिर आईफोन 7 प्लस की मार्केटिंग में इस पोट्रेट मोड को भुनाया गया.

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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