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Ants Can Sniff Out Cancerous Cells: बड़ी खोज, चींटियां कुत्तों से बेहतर कैंसर कोशिकाओं को सूंघ सकती हैं
Ants Can Sniff Out Cancerous Cells: आप लोगों को यह तो मालूम होगा कि खोजी कुत्ते मतलब Sniffer dogs किस काम के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा था चींटी ऐसी चीज़ों को सुंघ सकती है जो कोई वेल ट्रेंड स्निफर कुत्ता भी नहीं कर सकता। एक रिसर्च में पाया गया है कि एक विशेष प्रजति की चीटिंया इंसान के अंदर कैंसर सेल्स को सूंघकर उनका पता लगा सकती हैं. सुनने में यह भले ही मजाकिया लगे लेकिन जिन लोगों ने यह रिसर्च की है वो मेडिकल क्षेत्र में हमसे-आप से ज़्यादा बेहतर जानते हैं.
चीटियां अन्य कुशल सूंघने वाले जानवर जैसे कि कोई डॉग उससे ज़्यादा बेहतर तरीके से किसी चीज़ को पहचानना सीख सकती हैं. I science जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार एक अध्यन के बाद यह पता चला है कि चींटियां सिर्फ 30 मिनट के अंदर ट्रेन की जा सकती हैं और इसके बाद वह स्वस्थ कोशिकाओं के साथ विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच में फर्क करने में सक्षम हो सकती हैं.
यह कैसे सम्भव है
कैंसर सेल्स का बिना मरीज को नुकसान पहुचाएं पता लगाना अभी भी मेडिकल साइंस के लिए चुनौती है. कैंसर की टेस्टिंग में ही लोगों के लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं और इससे मरीज को भी तकलीफ होती है। अब कैंसर सेल्स के लिए वैज्ञानिकों ने संवेदनशील नाक वाले जानवरों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
असल में कैंसर कोशिकाओं में एक चयापचय (altered metabolism) होता है, जिसे वोलाटाइल आर्गेनिक कंपाउंड्स (volatile organic compounds (VOCs)) का प्रोडक्शन होता है. जिसे परिष्कृत घ्राण तंत्र वाली प्रजातियों द्वारा सूँघा जा सकता है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी के कुत्ते भी VOC's का पता लगाने में कुशल होते हैं. लेकिन कुत्तों को ट्रेनिंग देने में समय लगता है, लेकिन वही काम चींटियां भी उतनी ही कुशलता से कर सकती हैं और उन्हें सिर्फ 20 मिनट से भी कम समय में ट्रेनिंग दी जा सकती है.
चीटीं की ऐसी कौन सी प्रजति है
शोधकर्ताओं ने कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने के लिए फॉर्मिका फ्यूस्का (Formica fusca) नामक चींटी की एक प्रजाति को प्रशिक्षित करने की मांग की। इसे प्राप्त करने के लिए, उन्होंने स्वस्थ कोशिकाओं के साथ एक पेट्री डिश में स्तन कैंसर की कोशिकाओं को रखा, फिर भी कैंसर कोशिकाओं के बगल में कुछ मीठा रख दिया।
लगातार कोशिशे करने के बाद शोधकर्ता चींटियों को VOC's का पता लगाने के लिए ट्रेनिंग देने में सफल हो गए. मानव कैंसर कोशिकाओं की गंध को सीखने, याद रखने और मज़बूती से पता लगाने के लिए चींटियों को केवल कुछ प्रशिक्षण परीक्षणों की आवश्यकता होती है.