स्वसहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण गरीब महिलाएं जहां एक ओर आत्मनिर्भर हो रही हैं वहीं दूसरी ओर उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति भी सुधार रही है।