वैसे तो जीवन में पैसे का संकट कभी भी समाप्त नहीं होता। लेकिन आमदनी से ज्यादा खर्च होने लगे या फिर खर्च के अनुरूप आमदनी ना हो तो इसे आर्थिक संकट ही माना जाएगा।