T20 World Cup 2024

शर्मनाक! अब तक 16 सेमीफाइनल हुए, अगर कोई टीम 10 विकेट से हारी है तो वह है 'टीम इंडिया'

Rewa Riyasat News
10 Nov 2022 7:32 PM IST
Updated: 2022-11-10 14:05:43
टीम इंडिया के शेर, सेमीफाइनल में ढेर
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टीम इंडिया के शेर, सेमीफाइनल में ढेर

इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में टीम इंडिया की हार बड़ी शर्मनाक रही है. टीम इंडिया पहली ऐसी टीम बन गई है जो सेमीफाइनल में 10 विकेट से हार गई हो. इसका पूरा श्रेय रोहित एंड कंपनी को जाता है.

एक ऐसी टीम जो हर छोटे टूर्नामेंट में बादशाह और बड़े टूर्नामेंट में फ्लॉप हो जाती हो, उसका नाम है 'टीम इंडिया'. आज एक-दो नहीं बल्कि BCCI चाहे तो 10 अलग-अलग टीमें खड़ी कर सकता है. ऐसा कई बार हुआ भी है. लेकिन जब भी ICC के बड़े टूर्नामेंट होते हैं तो हमारे धुरंधर फ्लॉप हो जाते हैं.

इतने सालों में कितने ही वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट न हुए हों. लेकिन भारत ने अब तक सिर्फ तीन वर्ल्ड कप जीते, दो ODI और एक T20 वर्ल्ड कप. अगर वर्ल्ड कप की बात न करें तो इसके पहले टीम इंडिया अजेय है. अब की टीम इंडिया को मजाल है क्या कि कोई और हरा के ट्रॉफी ले जाए.

हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट के आयोजन टी20 वर्ल्ड कप के सुपर-12 में टीम इंडिया ने 5 मैच खेलें, 4 मैच जीतकर जोर शोर से सेमीफाइनल में पहुंची भी. टीम इंडिया 8 अंकों के साथ सेमीफाइनल में पहुंची, न तो ग्रुप-बी में कोई ऐसी टीम थी जिसके पॉइंट्स इतने ज्यादा हों और न ही ग्रुप-ए में. लेकिन जब करो या मरो (सेमीफाइनल) की नौबत आई तो सब फुस्स. कोहली और हार्दिक का बल्ला न चलता तो टॉप आर्डर ने वैसे ही बंटाधार कर दिया था. सम्मानजनक स्कोर तो बनाए लेकिन उस स्कोर को डिफेंड नहीं कर पाए.

यह भी एक शर्मनाक रिकॉर्ड

टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में हुए टोटल 16 सेमीफाइनल में किसी टीम की ये सबसे बड़ी हार, या सबसे बड़ी जीत है. जीत-हार के लिहाज से एक रिकॉर्ड बना है और एक की बराबरी हुई है.

इंग्लैंड ने भारत को हराकर सेमीफाइनल में सबसे अधिक 10 विकेट से जीत का रिकॉर्ड बनाया है. साथ ही सबसे कम ओवर में जीत की बराबरी भी की. टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड ने ही 16 ओवर में श्रीलंका को हराया था. 12 साल पहले, यानी 2010 में. ये मैच वेस्टइंडीज में खेला गया था.

आज का मैच शायद ही किसी क्रिकेट प्रेमी को मैच की तरह लगा हो. यह मैच तो गिल्ली डंडे से भी बदतर था. भारत के बैटर पस्त, बॉलर बदहवास, फील्डर या तो दिख नहीं रहे थे, और दिखे भी तो बस गेंद से पिछड़ते हुए.

इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की 3 बड़ी गलतियां

1. अर्शदीप को दूसरा ओवर नहीं देना

पावर प्ले में अर्शदीप ने एक ओवर में 8 रन दिए. 4 बॉलर्स में सबसे कम इकॉनमी थी. रोहित ने उन्हें दूसरा ओवर नहीं दिया, जबकि वे शुरुआत में विकेट दिलाते हैं. उन्हें दूसरा ओवर नहीं देना कप्तान के तौर पर रोहित की बड़ी गलती रही.

2. भुवी ने स्विंग नहीं कराई, अक्षर लेंथ में कमजोर

भुवनेश्वर कुमार जब पहला ओवर लेकर आए तो उन्हें स्विंग मिल रही थी, लेकिन तीसरी ही गेंद पर रोहित ने पंत को आगे से कीपिंग करने को कहा. यानी भुवनेश्वर के आगे गेंद डालकर स्विंग कराने के चांस एकदम खत्म हो गए. अक्षर पटेल ने ज्यादातर छोटी लेंथ की गेंदें फेंकी, जिन्हें बटलर और हेल्स ने बाउंड्री में तब्दील किया.

3. टीम इंडिया ने लड़ाई भी नहीं की

पूरे मैच के दौरान इंग्लैंड ही हावी दिखी. इंडिया बल्लेबाजी के दौरान भी प्रेशर में रही और गेंदबाजी के दौरान. गेंदबाज 10वें ओवर के बाद ही हिम्मत हार गए. लड़ाई का जज्बा न कप्तान में दिखा और न ही टीम में.

ये हैं टूर्नामेंट के परमानेंट विलन

रोहित शर्मा

हम क्रिकेट प्रेमियों ने नाम भी कैसे-कैसे दिए हैं रो-हिट (पूरे टूर्नामेंट में फ्लॉप), कप्तानी में फ्लॉप, बल्लेबाज के तौर पर सुपर फ्लॉप, फील्डिंग की आशा इनसे करना ही बेकार है. हां 5 IPL टाइटल जिता लिया तो बेस्ट कप्तान हो गए. सही मायने में देखा जाए टीम भले ही जीत रही हो पर साहब की कैप्टैन्सी तो कभी भी दिखी ही नहीं. कब कैसे फील्ड लगाना है, कब किसे बॉल थमाना है. शायद ही उनकी कप्तानी में देखने को मिला हो, अगर दिखती है तो सिर्फ चेहरे पर मायूसी, कॉन्फिडेंस का रता पता नहीं, अगर इनके गेंदबाज एक चौका खा जाए, तो साहब का चेहरा ऐसे लटक जाता है जैसे चौका पिटवाकर गेंदबाज ने कितना ही बड़ा गुनाह कर दिया हो.

केएल राहुल

आप तो धन्य हैं की टीम आपको इतने मौके दे रही है. शायद हेड कोच आपको भविष्य में टीम के कप्तान के तौर पर देख रहें हैं. आपके चक्कर में संजू सैमसन, श्रेयस अय्यर और शिखर धवन जैसे खिलाड़ी बाहर हैं. लेकिन आपको मौके पर मौके मिल रहें. हाँ पर आप प्रैक्टिस मैच में तूफानी बल्लेबाजी कर आलोचकों के मुँह जरूर बंद करवा देते हैं. लेकिन जब केएल राहुल की जिम्मेदारी बनती है की टॉप आर्डर को संभालें तो आप फुस्स हो जाते हैं.

नोट- यह लेखक के निजी विचार हैं.

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