Ganesh Jayanti 2022: भगवान श्री गणेश की आज करें पूजा, रखें ब्रत, पूरी होंगी सभी मनोकामना
Ganesh Jayanti 2022: प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश सभी तरह के सुख देने वाले हैं। इनकी पूजा उपासना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आज गणेश जयंती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। आज के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करने से साभी मनोरथ पूरे होते है। इसे माघ चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी तथा तिलकुंड चतुर्थी भी कहा जाता है।
गणेश जयंती का महत्व
गणेश जयंती के दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। ऐसे में कहा गया है कि अगर श्री गणेश की विधि विधान से पूजा की जाय, उपवास रखा जाय तो उनका शुभ आर्शीवाद मिलता है। जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते है। क्यों कि भगवान श्री गणेश विघ्नहर्ता है।
किस विधि से करें पूजा
भगवान श्री गणेश की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर पवित्र हो जायें। इसके बाद लाल या फिर पीला वस्त्र धारण कर पूजा के लिए बैठें। एक चौकी पर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। पवित्र जल लेकर कुश से स्नान करवाएं।
भगवान को अर्पित करें
भगवान श्री गणेश को लाल पुष्प, चंदन, अक्षत, रोली, धूप, दीप जनेउ से अर्पित करें। श्री गणेश को हरी दूर्वा बहुत प्रिय है। इसलिए 11 या फिर 21 दूर्वा की गांठ जरूर चढ़ाएं। भगवान मोदक तथा लड्डू का भोग लगाएं और आरती करें।
एक माला करें जाप
पूजा सम्पन्न हो जाने के बाद ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें। हो सके तो इस मंत्र का एक माला जाप करें। मतलब 108 बार। वैसे ते इस मंत्र का जाप हर दिन भी किया जाता है।
प्रथम पूज्य हैं श्री गणेश
भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य देव कहे गये है। हर छोटी बड़ी पूजा, अनुष्ठान में श्री गणेश का पूजन अवश्य किया जाता है। यह देवताओं के आधिपति कहे गये हैं। इनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। किसी भी कार्य को शुरू करने से पूर्व भगवान श्री गणेश की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
सबसे पवित्र मास है माघ मास
12 महीनों में माघ मास को सबसे पवित्र बताया गया है। यह बात भगवान श्री कृष्ण ने गीता के उपदेश में कहा है। उनका कहना है कि जिस तरह से वृक्षों में मैं पीपल हूं वैसे में 12 मासों में मैं माघ मास हूं। माघ मास में भगवान श्री गणेश का जन्म होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
माघ मास में सभी देवता स्वर्ग से पृथवी पर तथा देव तीर्थे में खासतौर पर त्रिवेणी में आकर निवास करते हैं। माघ मास में देवो की आराधना करने से शुभ फल प्राप्त होता है। लोग माघ मास में प्रयागराज में जाकर 1 माह तक कल्पवास कर पुण्य अर्जित करते है।