जब इंद्र को अपनी पत्नी के साथ इस हालत में देख बौखला गए थे गौतम ऋषि, दे दिया था ऐसा श्राप
रामायण में आपने एक भावुक प्रसंग के संबंध में सुना होगा। प्रसंग उस समय का है जब भगवान श्री राम ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिला जा रहे थे। जिसमें उन्होंने रास्ते में एक पत्थर पर अपना पैर स्पर्श करवाया और वह पत्थर एक स्त्री के रूप में परिवर्तित हो गई। उस स्त्री का नाम देवी अहिल्या था। आपको बताते चलें कि देवी अहिल्या ऋषि गौतम की पत्नी थी। इंद्र के कृत्य की वजह से अहिल्या को गौतम ऋषि ने श्राप दे दिया था। वही इंद्र को भी गौतम ऋषि ने श्राप दिया था। यह एक रोचक कहानी है आइए इसके संबंध कुछ और जानकारी एकत्र करते हैं।
क्या है कथा
बताया जाता है कि गौतम ऋषि अपनी पत्नी के साथ सुख पूर्वक अपनी कुटिया में निवास करते थे। कहा जाता है कि गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या अति रूपवान सुंदर और गुणवान थी। उनकी सुंदरता के चर्चे तीनो लोक हुआ करते थे।
इंद्र हुआ आकर्षित
वैदिक लेखों से पता चलता है कि इंद्र को भी अहिल्या की सुंदरता के संबंध में पता चला तो वह देवी अहिल्या को देखने गौतम ऋषि की कुटिया के समक्ष आया। उसने जैसे ही देवी अहिल्या को देखा वह उन पर मोहित हो गया। और उन्हें पाने की जुगत में योजना बनाने लगा।
बहुरूपी बन घुस गया कुटिया मे
अहिल्या को पाने की लालसा में इंद्र गौतम ऋषि का रूप बनाकर उनकी कुटिया में उस समय प्रवेश कर गया जब गौतम जी स्नान करने गए हुए थे। लेकिन गौतम ऋषि जल्द ही कुटिया पर लौट आए और उन्होंने इंद्र को अपनी कुटिया से निकलते हुए देख रोक लिया। इंद्र अपने असली भेष में आया।
दिया श्राप
गौतम ऋषि ने इंद्र को नपुंसक हो जाने का श्राप दे दिया। वहीं कई जगह यह लेख भी मिलता है कि गौतम ऋषि ने इंद्र को शत्रु से पराजित होने का श्राप दिया था। वही नाराज गौतम ऋषि ने देवी अहिल्या को पत्थर हो जाने का श्राप दे दिया था। लेकिन अहिल्या की याचना के बाद कहां था जब भगवान विष्णु राम रूप में अवतरित होंगे उनके चरणों के स्पर्श से तुम वापस अपना देह प्राप्त कर पाओगी। उसी अहिल्या को भगवान श्रीराम ने उद्धार किया था।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।