क्या है नवरात्रि, क्यों मनाई जाती है वर्ष में दो नवरात्रि, कैसे करें पूजा आइये जानें..
Cahitr Navratri 2022: शक्ति की उपासना पूरे नौ दिनों तक की जाती है इसीलिए इसे नवरात्रि कहा जाता है। कहने का मतलब यह है कि 9 रात और 10 दिन तक देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है। ऐसे में इसे नवरात्रि कहा जाता है। कथा के अनुसार देवी पार्वती ने एक राक्षास का वध करने के लिए 9 दिनो में 9 रूपो को प्रगट किया था। जिसकी सहायाता से दानव महिषासुर का वध किया गया था।
वर्ष में कितनी होती है नवरात्रि
वैसे तो आमतौर पर लेगो को यह पता है कि वर्ष में दो नवरात्रि होती है। जिसमें शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार वर्ष भर में चार नवरात्रि होती है। जिसमें दो नवरात्रि गुप्त होती हैं। यह गुप्त नवरात्रि पौष तथा अषाढ़ महीने में आती हैं।
शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri)
शारदीय नवरात्रि वर्ष में आश्विन माह में आती है। जिसमें 9 दिनो तक माता दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा की जाती है। जगह-जगह दुर्गा प्रतिमाएं रखी जाती हैं तो वहीं दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि के दसवे दिन रावण का पुतला दहन किया जाता है।
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri)
पौष और अषाढ़ के महीने में पडने वाली नवरात्रि गृहस्थों के लिए नही है। इस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है। गृहस्थ लोगों के बीच आम प्रचलन न होने से इस त्यौहार को गुप्त रूप पर तांत्रिक मनाते हैं और कई तरह की तंत्र साधना कर शक्ति अर्जित करते है।
चैत्र नवरात्रि (Chaitr Navratri)
चैत्र के महीने में मनाई जाने वाली नवरात्रि चैत्र नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। हिन्दू नव वर्ष का शुभारंभ भी इसी माह से होता है। चैत्र नवरात्रि में शारदीय नवरात्रि की तहर माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष 2 अप्रैल 2022 को चैत्र नवरात्रि पड़ रही है।
क्यों मनाई जाती है नवरात्रि
Navratri Kyu Manai Nahi Jaati Hai: नवरात्रि मनाने के पीछे एक कथा प्रचलन में है। कहा जाता है कि जब धरती और देवलोक पर महिषासुर का आतंक बढ गया तो उसे समाप्त करने के लिए देवों ने माता पार्वती की उपासना की। इसके बाद माता पार्वती ने अपने 9 दिव्य रूपों में प्रगट हुई। जिन्हे देवताओं ने अपने-अपने आयुध दिये। और अंत में माता पार्वती ने महिषासुर का अंत कर दिया।
कैसे करें नवरात्रि में पूजा
नवारात्रि में देवी के नौ रुपो की पूजा की जाती है। जिसमें चैत नवरात्रि में कठिन तप किया जाता है। वही शरदीय नवरात्रि में देवी की सरल तरीके से पूजा होती है। वहीं यह बताया जाता है कि चैत नवरात्रि में कई तरह के तंत्र मंत्रों को भी जाग्रत किया जाता है। इसे बहुत ही पवित्र महीना कहा गया है।