Vidur Niti: इन तीन लोगों को भूलकर भी न दें उधार, जिंदगी में नहीं करते वापस
Vidur Niti In Hindi On Money: आज से लगभग 5000 वर्ष से पूर्व हुए महाभारत काल में महात्मा विदुर (Mahatma Vidur) हुए थे। जिन्हे स्वयं यम का रूप माना जाता है, वे हमेशा धर्म की तरफ थे, माना जाता है की वे बहुत ही अधिक पराक्रमी और नीतिवान थे और उनका धनुष बहुत ही शक्तिशाली था हालांकि उन्होंने कभी भी युद्ध नहीं किया। दासी पुत्र होने के बावजूद वे हस्तिनापुर के सम्राट के प्रधानमंत्री और सलाहकार थे। उनके द्वारा कही गई नीतिगत बातों को विदुर नीती के नाम से जाना जाता है। हजारों वर्षों पूर्व कही गई नीतियों का लोहा आज भी माना जाता है. विदुर जी ने कुछ लोगों को उधार देने से बचने के लिए कहा है, क्योंकि ऐसे लोगों को धन उधार देने से आपका पैसा आपको वापस मिलने की सम्भावना न के बराबर होती है।
किन लोगों को उधार नहीं देना चाहिए?
Kin Logon Ko Udhar Nahi Dena Chahiye
आलसी व्यक्ति
विदुर नीति के अनुसार कभी भी आलसी व्यक्ति को धन उधार नहीं देना चाहिए, जो की कोई काम-धंधा नहीं करता है, और अपने घर वालों पर आश्रित रहता है। ऐसे व्यक्ति के पास आय के निश्चित स्त्रोत नहीं होते हैं जिससे की वे उधारी देने में आना काना करते हैं। और दी हुई जबान की कोई कीमत नहीं समझते हैं।
जो विश्वासपात्र न हो
विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति आपका भरोसा पूर्व में तोड़ चुका है ऐसे व्यक्ति को भी कभी उधार नहीं दें। ऐसे मनुष्य किसी के भरोसे की परवाह नहीं करते हैं. जरूरत पड़ने पर ही मिन्नते करते हैं।
अनुचित व्यक्तियों को
कभी भी अनुचित कार्य या आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को उधार नहीं देना चाहिए क्योंकि दिया हुआ उधार मांगने पर वे आपके साथ अनुचित व्यवहार कर सकते हैं। या कभी वे आपके धन का दुरूपयोग करते हैं तो, शासन के द्वारा कार्यवाही में आप भी उसके सहयोगी कहलायेंगे। अतः ऐसे लोगों को उधार नहीं देना चाहिए।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
Web Stories, Content Creator, Publisher