अध्यात्म

Vat Savitri Vrat Pooja Vidhi 2023: वट सावित्री पूजा विधि और महत्त्व जानिए

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत
19 May 2023 6:30 AM IST
Updated: 2023-05-19 01:47:13
vat savitri vrat 2023
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वट सावित्री व्रत 2023, Vat Savitri Vrat Date 2023: 19 मई शुक्रवार को जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि है। इस दिन बट सावित्री की पूजा की जाती है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं।

Vat Savitri Vrat Pooja Vidhi 2023: हिंदू धर्म में अनेकों पूजा पाठ का विधान बताया गया है। वर्ष भर में कई व्रत एवं त्यौहार पड़ते हैं। जब देवी देवताओं की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। आज वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी कई सारे व्रत एवं त्यौहार जीवन के लिए आवश्यक सिद्ध हो चुके हैं। 19 मई शुक्रवार को जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि है। इस दिन बट सावित्री की पूजा की जाती है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। यह व्रत बहुत फलदाई बताया गया है जो भी महिलाएं विधि विधान से इस व्रत को संपन्न करती हैं उनके पति की उम्र लंबी होती है।

बहुत महत्वपूर्ण है बरगद का पेड़

बटसावित्री की पूजा में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। बरगद के पेड़ की उम्र काफी लंबी है। इसीलिए महिलाएं जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर बरगद के पेड़ की समान अपने पति की लंबी आयु के लिए विशेष पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार बट वृक्ष की जड़ मे ब्रह्मा जी, तने में भगवान विष्णु और डालियों में महादेव निवास करते हैं। साथ ही बताया गया है कि बरगद के पेड़ की लटक रही जड़ों में मां सावित्री का निवास बताया गया है। एक ही वृक्ष मे देवों का निवास बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

यमराज ने दिया था जीवनदान

मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे यमराज ने सावित्री के पति के प्राणों को लौटाया था। तब से वटवृक्ष के नीचे जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि को पूजा पाठ करने का विधान शुरू हुआ। कहा गया है कि जो भी महिलाएं अमावस्या तिथि पर वटवृक्ष की पूजा करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कई समस्याओं का होता है हल

वट वृक्ष की पूजा करने से कई समस्याओं का हल होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जहां पति की लंबी आयु के लिए जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि को पेड़ के नीचे पूजा की जाती है। वही इसके और भी कई महत्व बताए गए हैं। आइए इन उपायों के संबंध में जानकारी प्राप्त करें।

आर्थिक समस्या दूर करने में बट वृक्ष की पूजा बहुत महत्वपूर्ण है। कहा गया है कि अगर शुक्रवार के दिन बरगद के पेड़ के 1 पत्ते को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके पश्चात स्वास्तिक का चिन्ह बना कर माता लक्ष्मी के पास रख दें। विधि विधान से माता लक्ष्मी और उस पत्ते की पूजा करें। इसके पश्चात उस पत्ते को धन रखने के स्थान पर रखे रहें। ऐसा 11 शुक्रवार तक करें। अवश्य ही धन संबंधी सभी समस्याएं दूर होंगी।

मनचाही नौकरी प्राप्त करने में बरगद के वृक्ष का उपाय अवश्य करें। वट सावित्री के दिन बरगद के पत्ते में अपनी समस्या लिख दे। रविवार के दिन से पानी में प्रवाहित कर दें। शनिवार के दिन जड़ में हल्दी और केसर मिलाकर अर्पित करें। ऐसा करने से नौकरी वह भी मनचाही नौकरी प्राप्त होती है।

व्यापार में फायदे के लिए बरगद के पेड़ के पास उपाय करना चाहिए। अगर बिजनेस में नुकसान हो रहा है तो जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर यानी वट सावित्री के दिन पेड़ के नीचे पांच दीपक जलाएं। ऐसा करने से समस्या समूल नष्ट हो जाती है।

लंबे समय से चल रहा विवाद समाप्त करने के लिए बरगद के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाकर प्रार्थना करने से समस्या समाप्त हो जाती है। घर परिवार में चल रहा विवाद समाप्त हो जाता है।

समाप्त हो जाता है भय और रोग अगर बरगद के पेड़ के नीचे हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो बीमार व्यक्ति जल्दी ठीक होता है। साथ ही बीमार व्यक्ति के तकिए के नीचे बरगद के पेड़ की जड़ लाकर रखें तो उसे रोग से मुक्ति मिलती है। भय और मानसिक तनाव दूर होता है।

नोट- इस समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। इसमें बताए गए उपायों को ध्यानपूर्वक और जानकार से सलाह लेकर उपयोग करें। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता।

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