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Kitchen Vastu Tips in Hindi: अगर आपका बेडरूम किचन के ऊपर या नीचे है तो हो जाएं सावधान, बड़ी समस्या में फंस सकते हैं

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
27 Jun 2023 12:17 AM IST
Updated: 2023-06-26 18:51:38
Kitchen Vastu
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Kitchen Vastu Tips: अगर आपका बेडरूम किचन के नीचे या ऊपर है तो आपको पारिवारिक क्लेश, धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

KITCHEN VASTU SHASTRA TIPS IN HINDI: आजकल लोग वास्तु के हिसाब से घर का निर्माण तो कराते हैं लेकिन कुछ न कुछ गलतियां हो ही जाती है. किचन घर का एक पवित्र स्थान माना जाता है. किचन आग्नेय कोण (Igneous Angle) में होना चाहिए. लेकिन रसोई घर के लिए इतना ही काफी नहीं है. आग्नेय कोण में किचन का निर्माण कराने के बावजूद भी आप वास्तु दोष (Vastu Defect) का शिकार हो सकते हैं. खासकर कि जब किचन के ऊपर या नीचे बेडरूम मौजूद हो.

इन दिनों डुप्लेक्स, बंगलो आदि का प्रचलन काफी बढ़ गया है. बिल्डर वास्तु के अनुसार ही घर का निर्माण भी कराते हैं, लेकिन क्या वाकई इतना काफी है. जी नहीं... यदि आप खुद अपना मकान निर्माण करा रहें हैं, या फिर कोई बिल्डर मकान का निर्माण कराता है तो वह किचन को आग्नेय कोण पर जरूर रखता है लेकिन अक्सर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि किचन के ऊपर या नीचे शयन कक्ष (BEDROOM) या ऑफिस (OFFICE) बिलकुल भी नहीं होना चाहिए.

पहले समझिए क्या है आग्नेय कोण (What is Igneous Angle)

वास्तु शास्त्रों में तत्व निर्धारण के आधार पर अग्नि स्थान को 'आग्नेय कोण' कहा है. सभी अग्नि कर्म इसी स्थान पर होने चाहिए. पूर्व और दक्षिण दिशा के मध्य आग्नेय कोण होता है. वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा के स्वामी को सूर्य तथा देवता को इंद्र कहा है. वैसे यह दिशा सृजनात्मक दिशा कही जाती है. दक्षिण दिशा का स्वामी मंगल है. इसके देवता यम हैं. इसे संहार या रूपांतरण की दिशा कहा जाता है. इन दोनों के बीच आग्नेय कोण है जिसमें प्राकृतिक अग्नि का वास है और अग्नि में निर्माण और विनाश दोनों की ही क्षमता होती है इसलिए इस स्थान पर जब दृश्य लौकिक अग्नि प्रज्ज्वलित होती है तो वह पारलौकिक अग्नि को भी प्रदीप्त कर देती है. इसके बाद वहां बहुत तेजी से आग्नेय मण्डल का निर्माण होने लगता है. यदि कुछ वर्षों तक इस स्थान पर अग्नि कर्म होता रहे तो स्वाभाविक ही है कि यहां का आग्नेय मण्डल अत्यंत आग्नेय ऊर्जा से भर जाएगा.

किचन के ऊपर या नीचे क्यों नहीं होना चाहिए बेडरूम

वास्तु की दृष्टि में घर में अग्नि स्थापन किचन में होता है और यह सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जहां पर कुछ वर्षों से किचन पक रही हो, अग्नि जल रही हो. वहां पर निश्चित ही वातावरण आग्नेय मण्डल के प्रभाव में होगा. किचन में अग्नि स्थापन जितना पुराना होता है, उतना ही आग्नेय मण्डल अपना घनत्व बढ़ाता जाता है. इसका प्रभाव धीरे-धीरे ऊपर या नीचे की मंजिलों पर पड़ने लगता है और परिणाम यह होता है कि यदि किचन के नीचे या ऊपर अपना शयनकक्ष (BEDROOM) या ऑफिस बना लें तो यह निश्चित है कि उसे इस आग्नेय मंडल के कुप्रभाव झेलने ही पड़ेगें.

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