अध्यात्म

उम्र में इतना अंतर होने पर पति-पत्नी नहीं कर पाते एक-दूसरे को संतुष्ट...फिर दूसरे जगह बुझाते है प्यास

chanakya niti
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आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलुओं पर अपने ज्ञान का प्रकाश डाला है। फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि शादी-विवाह जैसे महत्वपूर्ण संस्कार पर उनकी नजर न पड़ी होगी।

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलुओं पर अपने ज्ञान का प्रकाश डाला है। फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि शादी-विवाह जैसे महत्वपूर्ण संस्कार पर उनकी नजर न पड़ी होगी। आचार्य चाणक्य अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र में सब कुछ लिखा है। उन्होंने विवाह के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण बात यह कहते हैं कि जीवन में विवाह एक महत्वपूर्ण बंधन है। विवाह के द्वारा दो आत्माओं का मिलन होता है। इसलिए विवाह के समय लड़का लड़की के कुछ विशेष गुण जहां मिलाए जाते हैं वहीं उनके उम्र का भी ख्याल करना चाहिए।

विवाह के संबंध में क्या कहते हैं चाणक्य

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विवाह एक महान सामाजिक और धार्मिक कार्य है। समाज विकास के लिए विवाह आवश्यक होता है। विवाह के लिए लड़का लड़की के बीच आपसी सामंजस्य महत्वपूर्ण होता है। इसमें उम्र के अंतर को नहीं भुलाया जा सकता।

आचार्य चाणक्य ने कहते हैं कि विवाह के समय लड़का लड़की की कुंडली मिलाई जाती है। यह भी सही है। लेकिन आपने सबसे आवश्यक बात यह है कि विवाह के समय लड़का लड़की के बीच के उम्र के अंतर को भी मिलाना चाहिए। क्योंकि पति पत्नी की उम्र में अधिक अंतर समस्याओं को जन्म देता है। आचार्य चाणक्य का इशारा है कि अगर उम्र में अंतर अधिक होगा तो पुरुष अपनी पत्नी की शारीरिक इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाएगा। ऐसे में घरों में विवाद उत्पन्न होते हैं।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति फिर चाहे वह लड़की हो या लड़का उसे विवाह के समय सावधानी बरतनी चाहिए। यहां भी वही बात लागू होती है कि अगर कमजोर पुरुष स्वस्थ पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाएगा। इन हालातों वह महिला गैर पुरुष की ओर आकर्षित होगी जिससे घर के संबंध बढ़ेंगे।

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