कुंडली में पाए जाते हैं 5 तरह के दोष, आपकी कुंडली में कोई एक भी है तो मच सकती है तबाही, जानिए!
अगर कुंडली में किसी भी तरह का दोष हैं तो उन्हे अनदेखा करने के बजाय उनसे सावधान होने की आवश्यकता होती है। क्योंकि कुडली का एक दोष भी आपके जीवन में परेशानी खड़ी कर सकता है। जिससे बने बनाए काम पूरी तरह से बिगड़ जाते हैं। जीवन में पैसे का संकट तो आता ही है साथ में कई दोषों की वजह से जीवन पर भी संकट आ जाते हैं। आज हम 5 तरह के दोष तथा उनके निवारण के सम्बंध में कुछ जानकारी देगें।
कालसर्प दोष
कुंडली में पाये जाने वाला कालसर्प दोष बहुत ही भयंकर होता है। इसके प्रभाव से जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। इसके बाद भी आपेक्षित सफलता नहीं प्राप्त होती।
इससे छुटकारा पाने के लिए सांप को दूध पिलांए। भगवान श्री गणेश की हर दिन पूजा करें। इसके अलावा मंगलवार के दिन राहू-केतू के लिए अनुष्ठान करें। अवश्य ही लाभ मिलेगा।
गुरू चांडाल दोष
कहा गया है कि कुंडली में पाया जाने वाला गुरू चांडाल दोष बृहस्पति ओर राहु की युति के कारण उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण व्यक्ति का चरित्र खराब हो जाता हैं तो वहीं कई रोग भी होते हैं।
इस दोष से बचने के लिए प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही गुरूवार के दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा, गाय को चने की दाल और गुड़ खिलाना चाहिए।
पित्र दोष
कहा गया है कि जब कुंडली में सूर्य के साथ राहु-केतु ग्रह की युति होती है तो पित्र दोष उत्पन्न होता है। इसके प्रभाव से जीवन में कई तरह की परेशानी होत है। धन हानि तथा नौकरी में संकट का सामना करना पड़ता है।
पित्र दोष से मुक्ति पाने के लिए पतरों का तर्पण करना चाहिए। कौवे को खीर तथा पक्षियों को दाना देना चाहिए। वहीं अमावश्या के दिन सफेद गाय को हरी घास खिलाएं। अवश्य ही राहत मिलेगी।
केंद्राधिपति दोष
बुध और बृहस्पति ग्रह के युति से केंद्राधिपति दोष उत्पन्न होता है। इस दोष की वजह से कैरियर से सम्बंधित तमाम तरह की मुश्किलें आती हैं।
इस दोष से छुटकारा पाने के लिए भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। साथ में ओम नमो नारायणाय तथा ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंगल दोष
कुंडली में मंगल दोष बहुत ही खतरनाक होता है। इसके प्रभाव से जीवन कष्टमय हो जाता है। इस दोष का सर्वाधिक प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन में पड़ता है।
इस दोष से छुटकारा पाने के लिए शास्त्रों में बताए अनुसार मांगलिक दोष निवारण करना चाहिए। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ तथा एक माला ओम भोमाय नमः मंत्र का जाप प्रतिदिन अवश्य करें, लाभ होगा।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।