Ravana Mrityu Astra : श्री राम ने किस अस्त्र से रावण को मारा था? इसके बिना नामुमकिन था रावण का वध, जानें
Ravana Ki Mrityu Kis Astra Se Huyi Thi : रामायण महाकाव्य के अनुसार श्रीराम ने विजयादशमी (Vijaydashami) के दिन ही रावण का वध किया था। लेकिन भगवान राम (Lord Ram) को भी रावण का वध करने में काफी अधिक कठिनाइयां आईं थीं, जिसकी मुख्य वजह रावण को मिले कई वरदान थे, जिसके अनुसार रावण की मृत्यु जिस अस्त्र से होनी थी, वह उसके पास ही था, जो की उसे ब्रम्हदेव ने दिया था. और रावण की मृत्यु के लिए या जरुरी था की उसे उसी दिव्यास्त्र से मारा जाये।
विभीषण ने बताया रावण की मृत्यु का रहस्य?
Ravan Ki Mrityu Ka Rahasya : महापराक्रमी और मायावी रावण जब किसी भी प्रकार से श्रीराम के वश में नहीं आरहा था, तभी विभीषण श्रीराम के पास आते हैं, और रावण की मृत्यु का रहस्य बतलाते हैं, विभीषण ने बताया- रावण की मृत्यु एक खास दिव्यास्त्र से होगी जो की उसकी पत्नी के कक्ष में रखा हुआ था, और रावण की मृत्यु तभी संभव है जब इस दिव्यास्त्र से उसकी नाभि प्रहार किया जाये। यह विशेष अस्त्र स्वयं ब्रम्हदेव ने रावण को दिया था.
श्रीराम को कैसे मिला रावण की मृत्यु का अस्त्र
Shriram Ne Ravan Ko Kaise Mara Tha? रावण की मृत्यु का रहस्य जानने के बाद हनुमान जी ब्राम्हण के भेष में लंका जाते हैं, जहां मंदोदरी उनका स्वागत करती हैं. उसके बाद ब्राम्हण के भेष में हनुमान जी मंदोदरी से कहते हैं- विभीषण ने रावण की मृत्यु का रहस्य उजागर कर दिया है, और आपके कक्ष में छिपाये गए दिव्यास्त्र के बारे में भी बता दिया है, अतः उसे कहीं सुरक्षित स्थान में छिपा दें।
अस्त्र छिपाने के लिए घबराई हुई मंदोदरी तत्काल अस्त्र को निकाल लाती है और फिर हनुमान जी अपने वास्तविक रूप में आकर मंदोदरी से अस्त्र को छीन लेते हैं. और आकाश मार्ग में गायब हो जाते हैं. और दिव्यास्त्र को ले जाकर श्रीराम को दे देते हैं।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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