Ravan Ka Sasural : रावण का ससुराल कहां है? रावण और मंदोदरी का विवाह कैसे हुआ था? जानें
Ravan Ka Sasural Kahan Hai पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि मेरठ रावण का ससुराल है, और रावण ने पहली बार मंदोदरी को यहीं पर देखा था, मयदानव, मंदोदरी के पिता थे। जो की दानवों के विश्वकर्मा कहे जाते थे. और विश्वकर्मा की भांति ही वे एक श्रेष्ठ शिल्पकार थे. जो कहीं भी सुन्दर भवन का निर्माण कर सकते थे।
मयराष्ट्र का मयदानव से सम्बन्ध (Mayrastra Ka Itihas Kya Hai, Mayrastra Naam Kaise Pada)
मान्यता के अनुसार मेरठ का निर्माण मयदन्त ने किया था और उसी के कारण मेरठ का नाम मयराष्ट्र (Mayrastra) पड़ा। और यहीं पर मंदोदरी द्वारा बनवाये नौचंडी माता मंदिर (Nauchandi Mata Mandir) भी स्थित है, यहां के निवासियों के अनुसार पुरानी तहसील के पास मयदन्त और उसकी पुत्री मंदोदरी रहा करते थे।
मयदानव कौन था? (Maydanav Koun Tha, Mayasur Koun Tha?)
मयदानव को मय या मयासुर (Mayasur) के नाम से भी जाना जाता है, वह एक दानव था. तथा महर्षि कश्यप और दनु का पुत्र था। मयासुर ज्योतिष और वास्तुशास्त्र का आचार्य भी था। रावण से मंदोदरी (Mandodari) के विवाह के बाद वह रावण का ससुर बन गया था।
गोद ली हुई पुत्री थी मंदोदरी (Mandodari Koun Thi?)
मंदोदरी, मयदानव की सगी पुत्री नहीं थी, बल्कि वह पंचकन्याओं में से एक थी जो की अप्सरा हेमा की पुत्री थी। अप्सरा हेमा मयदानव की प्रेमिका थी जिस कारण मय ने मंदोदरी को गोद लिया था।
रावण और मंदोदरी का विवाह कैसे हुआ था (Ravan Aur Mandodari Ka Vivah Kaise Hua Tha?)
एक बार शिल्पकार मयदानव के पास उनके निवास स्थान पर रावण पहुंचे थे, और वहां पर वे ठहरे हुए थे और उनकी नजर मंदोदरी पर पड़ी जिसपर रावण उन पर मोहित हो गए। जिस पर रावण ने मयदानव के समक्ष मंदोदरी से विवाह का प्रस्ताव रख दिया, और रावण के इस प्रस्ताव को मयदानव (Maydanav) ने स्वीकार कर लिया। फलस्वरूप मंदोदरी और रावण का विवाह हो गया। तब से मेरठ को रावण की ससुराल माना जाता है। हालाँकि यह भी कहा जाता है की उनके शादी के फेरे जोधपुर के मंडोर में हुए थे। अतः उस स्थान को भी रावण की ससुराल माना जाता है।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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