अध्यात्म

Gaya Dham Kahani: भगवान श्रीराम भी अपने पिता राजा दशरथ को लेकर गये थे गयाधाम, यहीं माता सीता ने 3 लोगों को दिया था श्राप

Gaya Dham Kahani: भगवान श्रीराम भी अपने पिता राजा दशरथ को लेकर गये थे गयाधाम, यहीं माता सीता ने 3 लोगों को दिया था श्राप
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Gaya Dham Katha: भगवान श्रीराम सीताजी और लक्ष्मण जी के साथ अपने पिता दशरथ का श्राद्ध करने गया धाम गये थे। लेकिन इस दौरान वहां एक बड़ी घटना घटी थी।

Gaya Me Pind Dan Kyun Kiya Jata Hai: गयाधाम की पवित्रता और उसकी प्रसिद्धि आज से नहीं युगों से चली आ रही है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भगवान श्रीराम (Bhagwan Shri Ram) सीताजी और लक्ष्मण जी के साथ अपने पिता दशरथ का श्राद्ध करने गया धाम (Gaya Dham) गये थे। लेकिन इस दौरान वहां एक बड़ी घटना घटी थी। कहते हैं यहां माता सीता को गुस्सा आया था। और माता सीता ने गया धाम के पास बहने वाली पवित्र फल्गु नदी, गाय, और केतकी के फूल को श्राप दिया था। आइये जानें इससे जुड़ी हुई पूरी कथा (Gaya Dham Katha)।

क्या है पूरी कथा

Gaya Dham Katha: शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि भगवान श्री राम, सीता जी तथा लक्ष्मण के साथ अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध कर्म करने गयाधाम गये थे। लेकिन श्राद्ध का यह कार्य श्रीराम के हाथों होने के बजाय सीताजी के हाथों हुआ था।

कहते हैं कि भगवान राम (Lord Ram) गयाधाम पहुंचने के बाद श्राद्ध कर्म के लिए आवश्यक सामग्री लाने चले गये। वह अपने साथ लक्ष्मण जी को साथ ले गये। लेकिन सीताजी को फल्गु नदी के किनारे इंतजार करने के लिए कह गये थे।

बताते हैं कि सामग्री लेकर आने में भगवान राम को देर हो गई। तब तक राजा दशरथ की आत्मा फल्गु नदी के पास आई जहां माता सीता बैंठी हुई थी। राजा दशरथ की आत्मा ने सीता से पिंडदान करने की मांग कर दी। फल्गू नदी तट पर अकेली बैठी सीताजी अत्यंत असमंजस में पड़ गई।

लेकिन अपने ससुर राजा दशरथ की इस बात को वह कैसे टाल सकती थी। काफी विचार के बाद माता सीता ने पिंण्डदान करने का मना बनाया। उन्होने फल्गु नदी, गाय, वटवृक्ष और केतकी के फूल को साक्षी मानकर फल्गु नदी के बालू से पिंडदान कर दिया।

इतना करने के कुछ देर बाद भगवान श्रीराम आए तो माता सीता ने उन्हें पूरी कहानी सुनाई। लेकिन इस बात पर भगवान श्रीराम को विश्वास नहीं हुआ। भगवान राम ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है। तब सीताजी ने जिन्हें साक्षी मानकर पिंडदान किया था, उन सबको सामने आकर साक्ष्य देने के लिए कहा।

सभी ने बोला झूठ

Sita Mata Ne Gaya Dham Me Kise Shrap Diya Tha: फल्गु नदी, गाय, अक्षयवट और केतकी फूल माता सीता के कहने पर आई जरूर लेकिन सभी ने भगवान श्री राम के सामने झूठ बोल दिया। सभी ने कहा कि उन्होने कुछ नहीं देखा। लेकिन पिंडादान के समय साक्षी रहे अक्षयवट ने सत्य बोलते हुए पूरी बात बताई और उसने माता सीता की लाज रख ली।

माता सीता को आया क्रोध

इससे क्रोधित होकर सीताजी ने फल्गु नदी को श्राप दे दिया कि तुम सदा सूखी रहोगी। जबकि गाय को मैला खाने का श्राप दिया। वहीं केतकी के फूल को पितृ पूजन मे निषेध होने का श्राप दिया। लेकिन सत्य बोलने वाले अक्षयवटवृक्ष पर प्रसन्न होकर सीताजी ने उसे सदा दूसरों को छाया प्रदान करने व लंबी आयु का वरदान दिया।

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