जानिए! कौन से रुद्राक्ष से मिलता है कैसा लाभ
जीवन में अगर भगवान भोलेनाथ की कृपा चाहिए तो जातक को रूद्राक्ष धारण करना चाहिए। कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने से सभी तरह की समस्याएं समाप्त होती हैं। वहीं भगवान भोलेनाथ के आर्शीवाद से धन और वैभव प्राप्त होता है। रुद्राक्ष के संबंध में कहा जाता है कि यह कई प्रकार के होते हैं। हर प्रकार के रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व होता है। आज हम रुद्राक्ष के संबंध में विशेष जानकारी एकत्र करेंगे। आइए जाने कितने तरह के रुद्राक्ष होते हैं और वह किस तरह हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।
क्या है रुद्राक्ष
रुद्राक्ष एक तरह का फल होता है। यह पेड़ों पर लगता है। रुद्राक्ष का एक पेड़ होता है उसी के फल को धारण किया जाता है। इसके संबंध में बताया गया है कि यह भगवान भोलेनाथ के नेत्रों से गिरे आंसू से उत्पन्न हुआ है। जिस जगह पर भगवान भोलेनाथ के आंसू गिरे वहां पर रुद्राक्ष का पेड़ उग आया था।
रुद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ का नेत्र भी कहा गया है। क्योंकि रुद्र का मतलब होता है शिव और अक्षय का मतलब है नेत्र। कहने का मतलब शिव का नेत्र ही रुद्राक्ष कहलाता है।
कई तरह के होते हैं रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह बहुत दुर्लभ होता है। एक मुखी रुद्राक्ष बहुत कम प्राप्त होते हैं से इसको तो सब चाहते हैं लेकिन सरलता से मिलता नहीं है। एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर लेता है। सूर्य ग्रह से संबंधित सभी दोश एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से समाप्त होते हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि इसे अर्धनारीश्वर का स्वरूप माना गया है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को शिव और माता पार्वती दोनों पर कृपा प्राप्त होती है। धारण करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं वही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। धन और संतान संबंधी समस्याएं समाप्त होते हैं।
तीन मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि इसे धारण करने से अग्नि देवता की कृपा प्राप्त होती है। इस रुद्राक्ष को करण करने वाले व्यक्ति की बुद्धि तेज होती है और भविष्य में उसे ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। उच्च शिक्षा के अवसर बनते हैं। यह सभी तरह के पापों को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
चार मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह ब्रह्मा का स्वरूप है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने से व्यक्ति की वाणी में मधुरता आती है और उसे आरोग्य काया प्राप्त होती है।
पांच मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह साक्षात कालाग्नि का रूप है। जीवन की हर परेशानी को दूर करने की इस रुद्राक्ष में क्षमता होती है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति की सभी मनोरथ अवश्य पूर्ण होते हैं।
छह मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह भगवान कार्तिकेय का रूप है। इसे धारण करने से शुक्र ग्रह शुभ फल देते हैं। साथ ही रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति होती है। ब्रह्महत्या जैसे पापों से मुक्ति के लिए छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए बताया गया है।
सात मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह सप्तमातृकाओ का स्वरूप है। इसे धारण करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। जिन लोगों को धन हानि हो रही है उन्हें यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनिदेव की प्रतिकूलता समाप्त होती है।
आठ मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह भैरव का शुरू होता है। इसे धारण करने से राहु ग्रह शांत होता है। अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। आठ मुखी रुद्राक्ष में माता गंगा का निवास बताया गया है।
नौ मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह महाशक्ति का नौ स्वरूप होता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सभी तरह के सुख प्राप्त होते हैं। साथ ही केतु ग्रह के अशुभ फल समाप्त हो जाते हैं।
दस मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह भगवान विष्णु का स्वरूप है। इसे धारण करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं सुख शांति के साथ ही अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि इसे साक्षात रुद्रदेव तथा भगवान इंद्र स्वरूप है । इसे धारण करने वाले व्यक्ति को कार्य क्षेत्र में सफलता के साथ ही शत्रु पर विजय प्राप्त होती है। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से कई हजार यज्ञ के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है।
बारह मुखी रुद्राक्ष के संबंध में शास्त्रों में बताया गया है कि इसमें भगवान विष्णु का निवास और यह उन्हीं का स्वरूप है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को जीवन में सुख संपत्ति के साथ ही आध्यात्मिक ज्ञान, स्वस्थ काया और उच्च मनोबल की प्राप्ति होती है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष के संबंध में शास्त्रों में बताया गया है कि यह रुद्राक्ष समस्त कामनाओं और सिद्धियों को प्राप्त करने का सरल मार्ग है। धारण करने वाले व्यक्ति को धन यश और वैभव की प्राप्ति होती है मनोकामनाएं पूर्ण होते हैं।
चौदह मुखी रुद्राक्ष के संबंध में ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि यह स्वयं शिव का स्वरूप है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान शिव का सानिध्य प्राप्त होता है। इसे धारण करने से शनि और मंगल ग्रह के सभी अशुभ फल समाप्त हो जाते हैं। इसमें भगवान हनुमान जी का वास बताया गया है।
नोट- इस समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। इस पर पूर्ण भरोसा करने के पहले विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त करें। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता।