अध्यात्म

Kajari Teej 2022: कजरी तीज आज, जानें पूजा की विधि और नियम

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत
14 Aug 2022 9:31 AM IST
Updated: 2022-08-14 04:02:08
Kajari Teej 2022 Pooja Vidhi
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Kajari Teej 2022 Pooja Vidhi: सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए तथा कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए कजरी तीज का व्रत करती हैं।

Kajari Teej 2022 Pooja Vidhi: सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए तथा कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए कजरी तीज का व्रत करती हैं। कजरी तीज का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 14 अगस्त को पड रहा है। इसलिए सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अवश्य करें। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुख में व्यतीत होता है। साथ ही भोलेनाथ के आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानें व्रत के नियम और पूजन विधि।

Kajari Teej Ki Pooja Vidhi

किसकी होती है पूजा

कजरी तीज के व्रत में सुहागिन महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। लेकिन गर्भवती महिलाएं फलाहार कर व्रत पूरा कर सकती हैं। कजरी तीज का व्रत करने से महिलाओं और कुंवारी कन्याओं को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजन विधि

कजरी तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले 14 अगस्त के दिन सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद पूजन की तैयारी करें।

बताया गया है कि पूजन के लिए मिट्टी से शिव और पार्वती बनाकर पीले रंग के नए वस्त्र पहनाएं। शिव पार्वती की स्थापना करने के बाद पूजा शुरू करें। इसके लिए कच्चा सूट, जनेऊ, पंचामृत अबीर गुलाल, धतूर, पुष्प, शमी के पत्ते, नारियल, सुपारी, केले के पत्ते, अक्षत, दूर्वा घास, कलश तथा घी का दीपक जलाकर रख ले। उक्त सामग्रियां अर्पित कर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें।

इसके पश्चात शुद्ध घी का दीपक और कपूर जलाकर माता पार्वती और शिव जी की आरती करें। भगवान को भोग अर्पित कर उसका प्रसाद लोगों में बांटे।

बताया गया है कि व्रत के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथाशक्ति दक्षिणा प्रदान करें। साथ ही रात्रि के समय भगवान चंद्र देव का पूजन करें। इसके लिए महिलाएं लाल साड़ी पहने हरी चूड़ी और सोलह सिंगार कर भगवान चंद्र देव को अर्घ्य दें। उन्हें भी भोग अर्पित करें। चंद्रमा पूजन के पश्चात व्रत तोड़ा जा सकता है।

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