अध्यात्म

Ramayan: बाली कितना शक्तिशाली था? बाली में कितना बल था

Ramayan: बाली कितना शक्तिशाली था? बाली में कितना बल था
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How Strong Is Bali: किष्किंधा के राजा बाली का नाम रामायण महाकाव्य के सबसे बलशाली योद्धाओं में नाम लिया जाता है। फिर भी उनमें राज्य विस्तार की कामना नहीं थी।

Bali Koun Tha? Bali Kitna Shaktishali Tha: रामायण महाकाव्य के सबसे शक्तिशाली पात्रों को देखा जाये तो उसमें बाली का नाम पहले लिया जाता है। बाली को वानरराज बाली भी कहा जाता था क्योंकि वह किष्किंधा का राजा था (King of Kishkindha)। उस काल में बाली की शक्तियों का कोई तोड़ नहीं था। वानरराज बाली (Vanarraj Bali) ने पूरी दुनिया पर राज करने वाले रावण को भी युद्ध में परास्त किया था। राक्षसराज रावण पर परमज्ञानी व मायावी था। इसके साथ ही उसे भगवान शिव व ब्रम्हा से वरदान प्राप्त था। जिस कारण उसे खुद पर अहंकार भी था की उसे कोई भी नहीं हरा सकता है। और फिर रावण एक दिन बाली से जा भिड़ा, रावण को लगा था की यह साधारण सा वानरों का राजा उसका क्या बिगाड़ लेगा लेकिन उसके बाद बाली ने रावण को मल्ल युद्ध में पराजित कर 6 महीने तक अपनी कांख में दबाकर रखा हुआ था। जिसके बाद रावण को लगा की वह लंका कभी नहीं लौट पायेगा तो उसने बाली से हार मान ली थी। और रावण का घमंड चूर-चूर हो गया।

बाली कितना शक्तिशाली था?

Bali Kitna Shaktishali Tha/ How Powerful was Bali: वाल्मीकि रामायण किष्किंधा कांड सर्ग 10 में सुग्रीव बाली के ताकत और पराक्रम के बारे में बताते हैं- बाली सूर्य उदय होने से पूर्व पश्चिम तट से पूर्व समुद्र तक और दक्षिण समुद्र से उत्तर समुद्र के किनारे तक घूम आता है किंतु इतनी दूर चलकर भी वह थकता नहीं वह महापराक्रमी बाली पर्वतो में चढ़ उनके बड़े-बड़े शिखरों को हाथ से गेंद सा बनाकर उछाल कर फेक देता है वनो के बड़े-बड़े वृक्षों को उखाड़ के फेंक देता है।

बाली कितना ताकतवर था?

Bali Kitna Takatvar Tha/ How Strong was Bali: देवराज इंद्र बाली के धर्म पिता थे। और वह प्रतिदिन सूर्यदेव की आराधना करता था। बाली के बारे में कहा जाता था की उससे जो भी व्यक्ति युद्ध करता था उसकी आधी ताकत उसके पास चली जाती थी। जिसके कारण उसे कोई भी नहीं हरा पाता था, महाबलशाली और पराक्रमी होने के बाद भी वह महत्वाकांक्षी नहीं था। इसलिए वह अपने राज्य में संतुष्ट था और उसमें साम्राज्य के विस्तार की भावना भी नहीं थी।

बाली ने दुंदुभि नाम के राक्षस का भी वध किया था. दुंदुभि में दस हजार हाथियों की शक्ति थी, जिसके साथ उसका महीनों तक युद्ध हुआ था और अंत में बाली ने दुंदुभि को काल के गाल में भेज दिया था। और उसके बाद उस विशाल राक्षस के मृत शरीर को 1 योजन दूर फेंक दिया यानी की 13 किलोमीटर दूर।

महाबलशाली बाली में कुछ दुर्गुण भी थे उसने अपने सेवक जैसे भाई को अपमानित कर उसकी पत्नी को उससे छीन ली। और उसे राज्य से बेदखल कर दिया। उसके बाद उसने अपने ही भाई के प्राण लेने का प्रयास किया। तब श्रीराम ने जंगल से बाली को अपने तीर से मारकर उसका वध कर दिया था।

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