अध्यात्म

Hariyali Amavasya Vrat Katha: हरियाली अमावस्या आज, पढ़ें यह व्रत कथा मिलती है पितरों की आत्मा को शांति

Hariyali Amavasya Vrat Katha: हरियाली अमावस्या आज, पढ़ें यह व्रत कथा मिलती है पितरों की आत्मा को शांति
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Hariyali Amavasya Vrat Katha 2022 Hindi Mei: हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 28 जुलाई को हरियाली अमावस्या का व्रत (Hariyali Amavasya Ka Vart) किया जाता है और इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है।

Hariyali Amavasya 2022 Vrat Katha, Hariyali Amavasya Vrat Katha Hindi Mei: भारत में त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है। यहां हर महीने कोई न कोई त्यौहार और व्रत पड़ते हैं। इस व्यक्त सावन का महीना (Sawan Ka Mahina) चल रहा है। सावन के महीने का पुराणों में विशेष महत्त्व दिया गया है। यह महीना भोलेनाथ का महीना है। इस महीने के सोमवार को विशेष महत्त्व दिया जाता है। इन्हे सावन सोमवार कहा जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और देवो के देव महादेव की पूजा करते हैं। सोमवार ही नहीं पूरे सावन मास में भारतीय लोग बड़े चाओ से भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं।

सावन सोमवार की पूजा के अलावा सावन में हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) का भी व्रत किया जाता है। इस दिन पूजन करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। यह व्रत आज यानि 28 जुलाई को रखा जाएगा। अगर आप भी हरियाली अमावस्या का व्रत कर रहे हैं तो इससे जुड़ी कथा पढ़ना न भूलें।

Hariyali Amavasya Vrat Katha: हरियाली अमावस्या व्रत कथा

Hariyali Amavasya Vrat Katha Hindi Mei: बहुत समय पहले एक राजा प्रतापी राजा था. उनको एक बेटा और एक बहू थे। एक दिन बहू ने चोरी से मिठाई खा लिया और नाम चूहे का लगा दिया। जिसकी वजह से चूहे को बहुत गुस्सा आ गया. उसने मन ही मन निश्चय किया कि चोर को राजा के सामने लेकर आऊंगा. एक दिन राजा के यहां कुछ मेहमान आयें हुए थे. सभी मेहमान राजा के कमरे में सोये हुए थे. बदले की आग में जल रहे चूहे ने रानी की साड़ी ले जाकर उस कमरे में रख दिया- जब सुबह मेहमान की आंखें खुली और उन्होंने रानी का कपड़ा देखा तो हैरान रह गए. जब राजा को इस बात का पता चला तो उन्होंने अपनी बहू को महल से निकाल दिया.

रानी रोज शाम में दिया जलाती और ज्वार उगाने का काम करती थी। रोज पूजा करती गुडधानी का प्रसाद बांटती थी. एक दिन राजा उस रास्ते से निकल रहे थे तो उनकी नजर उन दीयों पर पड़ी. राजमहल लौटकर राजा ने सैनिकों को जंगल भेजा और कहा कि देखकर आओ वहां क्या चमत्कारी चीज थी- सैनिक जंगल में उस पीपल के पेड़ के नीचे गए. उन्होंने वहां देखा कि दीये आपस में बात कर रही थी। सभी अपनी-अपनी कहानी बता रही थीं. तभी एक शांत से दीये से सभी ने सवाल किया कि तुम भी अपनी कहानी बताओ. दीये ने बताया वह रानी का दीया है. उसने आगे बताया कि रानी की मिठाई चोरी की वजह से चूहे ने रानी की साड़ी मेहमानों के कमरें में रखा था और बेकसूर रानू को सजा मिल गई.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, किसी भी निर्णय तक पहुंचने से पहले विशेष्यज्ञों की सलाह जरूर लें

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