Guru Purnima 2022: 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा, 12 वर्षो बाद बन रहा अद्भुत संयोग
Guru Purnima 2022: देवों के गुरू बृहस्पति को लेकर प्रति वर्ष गुरू पूर्णिमा आषाण मास की पूर्णमासी के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को मनाई जा रही है। ज्योतिर्विदों के मुताबिक 12 वर्षो बाद आषाढ़ी पूर्णिमा पर देव गुरु बृहस्पति स्वराशि मीन में मंगलकारी केंद्र योग बनाएंगे। इस दिन सुर्य और बुध के एक राशि में होने से बुधादित्य योग भी रहेगा।
इस समय पर गुरू पूजा होगी लाभकारी
ज्योतिर्विदों के मुताबिक पूर्णिमा तिथि सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक रहेगी और ऐसे समय में गुरु पूजन करना शिष्य के लिए विशेष लाभदायक होगा, यानि की गुरू वंदना करके शिष्य इस पुण्य लाभ को ले सकते है।
ज्ञात हो कि शास्त्रों में भी यह उल्लेख है कि भगवान ने गुरू को सबसे पहले बताया यानि की भगवान और गुरू दोनों एक साथ पहुचते है, ऐसे में भक्त परेशान था कि सबसे पहले वंदना वह किसकी करें, भगवान शिष्य की मंशा को समझ गए और उन्होने भक्त की ओर इशारा किए कि गुरू ज्ञान देने वाले होते है और जो ज्ञान देता है उसकी सबसे पहले वंदना की जाए।
शुक्र बदलेगे राशि
सौंदर्य और दांपत्य सुख का स्वामी शुक्र इस दिन वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। ग्रह के राशि परिवर्तन से काफी लाभ भी होता है। ज्योतिर्विद् बताते है कि इस दिन जिन लोगों ने गुरु से शिक्षा ली है उन्हे गुरु पूजन अवश्य करना चाहिए।
दुगने उत्साह से होगी गुरू पूर्णिमा
ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो वर्षो से गुरू पूर्णिमा उत्सव नही मनाया जा रहा था। दो वर्षो बाद अब गुरू पूर्णिमा को उत्सव को गुरू और शिष्य दोनों ही दो गुने उत्साह के साथ मनाएगें।
दरअसल गुरू शिष्य का प्रेम अटूट होता हैं। जितना लगाव शिष्य का गुरू से होता है उससे कही ज्यादा प्रेम गुरू अपने शिष्य से करता है। महाभारत में अर्जुन और गुरू दोणाचार्य का प्रेम आज भी याद किया जाता है।