रीवा। कोरोना संक्रमण की बीमारी ने विश्व के साथ ही भारत देश को भी चपेट में ले लिया है। यही नहीं संक्रमण का फैलाव गांव-गांव तक हो चुका है। जिससे आमजन चिंतित है। लेकिन हमारे महापुरुषों एवं ऋषि-मुनियों ने बताया है कि इंसान को चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि चिंतन करना चाहिए। चिंता से जीवन बिगड़ सकता परंतु चिंतन से जीवन संवर जाता है। चिंता में समाधान नहीं खोजा जा सकता बल्कि चिंतन से समाधान का रास्ता मिल जाएगा। यदि चिंता करने से समस्या का समाधान हो जाता तो हर व्यक्ति चिंता कर अपनी समस्या से मुक्त हो चुका होता।
बीते पल को वापस लाना असंभव
दो साल से बदहाली का जीवन जी रहे लोग कभी अपनी गरीबी को कोसते हैं तो कभी ईश्वर से प्रार्थना करते नहीं थक रहे हैं। वैसे भी सुख में तो संभवतः ईश्वर को कोई याद ही नहीं करता किंतु दुख की घड़ी में जरूर ईश्वर का स्मरण हो जाता है। आज कोरोना वायरस के चलते जहां हर व्यक्ति को अपनी जान की चिंता सता रही है वहीं अपने नात रिश्तेदारों की भी चिंता बनी हुई है। जो खो चुके हो उसे वापस ला पाना असंभव है क्योंकि बीते हुए पल को सिर्फ याद रखा जाता है न कि उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन किया जा सकता है।
पूर्वजों ने बताई है गाइड लाइन
आपको बता दें कि जो गाइड लाइन सरकार आज कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बता रही है वह गाइड लाइन हमारे पूर्वजों, महापुरुषों, संतों द्वारा बताई जा चुकी हैं एवं लिखी जा चुकी हैं। लेकिन महापुरुषों के बताए रास्ते को लोगों ने राजनीतिक मुद्दा बना दिया। हमारे महापुरुषों पहले सोशल डिस्टेंसिंग सिखाई है, सबको दूर से नमस्कार करना। घूमने-फिरने में पाबंदी, भीड़ से दूर रहना, घर में रहकर भगवत भजन करना आदि सामाजिक दायरे बनाये थे। लेकिन हम पूर्वजों की गाइड लाइनों की अनेदखी करने लगे जिसके कारण समस्या निर्मित हो रही है।
शासन की गाइड लाइन का करें पालन
टीकाकरण करवाने एवं दूसरों को प्रेरित करने से लेकर शासन द्वारा निर्धारित सभी गाइड लाइनों का हमें हर हाल में पालन करना होगा तभी कोरोना को भगा सकेंगे। यदि हम धृतराष्ट्र की नजर से देखेंगे तो निश्चय ही हमारा अहित ही होगा इसलिए हमें संजय रूपी आंखों से ही कोरोना वायरस बीमारी को देखना होगा। अपनी जनभागीदारी निभाते हुए खुद की सुरक्षा के साथ ही अपनों की, अपने गांव, शहर, देश की सुरक्षा मानते हुए हर नागरिकों की रक्षा करने की हम सौगंध लें एवं शासन की गाइड लाइन का हर हाल में पालन करें तभी हम कोरोना को अपने देश से हटा सकेंगे।