Ganpati Visharjan 2022: जानें गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विधि
Ganpati Visarjan 2022 Shubh Muhurat Aur Pooja Vidhi: गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तो जल्दी आना, अपनी कृपा सदा बरसाना यह कहने का समय आ गया है। क्योंकि अब भगवान श्री गणेश उत्सव का समापन होने वाला है। धर्म शास्त्रों में जिस तरह भगवान श्री गणेश की विधि-विधान से स्थापना की जाती है उसी तरह उनका विसर्जन भी विधि-विधान से करना चाहिए। विसर्जन के दौरान की गई भूल व्यक्ति के लिए कई समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। भगवान श्री गणेश का जन्म उत्सव पूरे 10 दिन बड़े और धूमधाम श्रद्धा भाव से मनाया गया है। अब विसर्जन के समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
विसर्जन का शुभ मुहूर्त
भगवान श्री गणेश का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। लेकिन विसर्जन के समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि राहुकाल नहीं होना चाहिए। क्योंकि राहु काल के समय विसर्जन करने पर भगवान नाराज हो जाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के 14वें दिन चतुर्दशी यानी अनंत चतुर्दशी होता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी की तिथि 8 सितंबर 2022 को शाम 4ः30 पर शुरू होगी। तिथि का समापन 9 सितंबर 2022 को दोपहर 1ः30 पर है। उदया तिथि अनंत चतुर्दशी पूजा 9 सितंबर सुबह 6ः30 से दोपहर 1ः30 तक रहेगा।
विसर्जन पूजन विधि
विसर्जन के लिए सबसे पहले वाहन आदि की तैयारी कर लें। जहां पर भगवान को विराज कर विसर्जन के लिए ले जाना है वहां लाल रंग या पीले रंग का कपड़ा बिछा ले। इस कपड़े में स्वास्तिक का निशान बनाएं, अक्षत तथा फूल समर्पित करें। उसके बाद भगवान को स्थापित स्थल पर एक बार फिर से विधि विधान से पूजा करें। धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। और इसके पश्चात आरती करें। और भगवान को उक्त स्थान पर ले जाकर वाहन में विराजे।
बड़े ही उत्साह के साथ परिवार जन, मित्र, बंधु बंधुओं के साथ भगवान के नाम का जयकारा लगाते हुए, रंग अबीर खेलते हुए पूरे श्रद्धाभाव के साथ भगवान श्रीगणेश का विसर्जन के लिए नदी के तट तक जाएं। नदी के तट में एक बार पुनः विधि विधान से पूजन आरती करें। भूल-चूक से हुई गलती के लिए भगवान से क्षमा अवश्य मांगे। प्रतिमा को हाथ में उठाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।