Ganesh Sthapana Mantra: गणेश जी की प्रतिमा तो इन मंत्रों का अवश्य करें जाप, अपनाएं यह पूजन विधि
Ganesh Chaturthi 2023: इस वर्ष 18-19 सितंबर से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की शुरुआत हो रही है। जो 10 दिनों तक चलने वाला है। अगर आप भी गणेश प्रतिमा की स्थापना करना चाह रहे हैं तो इसके लिए गणेश स्थापना विधि (Ganesh Sthapana Vidhi) के साथ ही पूजन विधि (Bhagwan Ganesh Pujan Vidhi) का जानना बहुत आवश्यक है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि किन मंत्रों के द्वारा भगवान श्री गणेश की पूजा स्तुति की जाए जिससे वह जल्दी से जल्दी प्रसन्न हो। तो आइए जानें क्या है पूजन विधि, आरती और मंत्र।
पूजन विधि और तैयारी
Ganesh Chaturthi Pujan Vidhi Aur Taiyari: भगवान श्री गणेश की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर लें और साफ स्वच्छ पवित्र वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात पर भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना करनी है उसे भी स्वच्छ और पवित्र कर भगवान श्री गणेश का स्मरण करते हुए मूर्ति स्थापित (Shri Ganesh Murti Sthapana) करें। हो सके तो आचार्य को बुलाकर मूर्ति स्थापित करवाएं। अन्यथा स्वयं भी मूर्ति स्थापना के लिए स्वयं पूजन करें।
सबसे पहले चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर एक थाली में चंदन कुमकुम अक्षत और स्वास्तिक का निशान बनाएं। और उसी जगह पर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित कर दें।
इस मंत्र का करें जाप
Ganesh Chaturthi Mantra/ Ganesh Chaturthi Sthapana Mantra: प्रतिमा स्थापित करते समय इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि प्रतिदिन पूजन के समय इस मंत्र का जाप अवश्य करते रहें।
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणमं।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम।।
प्रतिदिन ऐसे करें पूजा
Bhagwan Ganesh Ki Puja Kaise Karen: भगवान श्रीगणेश को 10 दिनों तक स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में समझने की प्रतिदिन कैसे पूजा करनी है। पूर्व में बताई गई जानकारियों के साथ ही पहले भगवान श्री गणेश का आवाहन करते हुए ओम गन गणपतए नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान श्री गणेश की प्रतिमा पर जल छड़कें।
इसके पश्चात उनकी पूजा के लिए हल्दी, चंदन , गुलाल सिंदूर ,मौली ,दूर्वा ,जनेऊ , मिठाई ,मोदक ,फल ,माला, और फूल चीजों को एक-एक कर भगवान को समर्पित करें।
साथ ही भगवान श्री गणेश को 21 लड्डुओं का भोग अवश्य लगाएं। पूजन में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को यह प्रसाद वितरित करें।
भगवान का भोग लग जाने के बाद धूप, दीप के साथ आरती करें। नीचे हम भगवान की आरती आपको बताएंगे।
पूजा के पश्चात इस मंत्र का जाप करें (Ganesh Puja Mantra)
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।
भगवान की ऐसे करें आरती
Ganesh Chaturthi Aarti/ Ganesh Ji Ki Aarti/ Shri Ganesh Aarti: भगवान श्री गणेश की आरती की तैयारी के लिए पंचदीप में 5 घी की बत्तियां जला लें। साथ में धूप रखें तथा एक आरती में कपूर भी रख लें। यह तैयारी पूर्ण होने के पश्चात आरती का क्रम शुरू करें।
सबसे पहले धूप जलाकर भगवान श्री गणेश को धूप से आरती करें। इसके पश्चात एक दीपक जलाकर रख दें। इसके बाद पंचदीप से भगवान की विधिवत आरती करें। आरती के पश्चात कपूर से भी आरती कर लें।
भगवान श्री गणेश की आरती (Shri Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।।
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।
'सूर' श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
आरती के पश्चात भगवान श्री गणेश के नामों का जयकारा लगना न भूलें। साथ में अन्य देवी-देवताओं के नाम का भी जयकारा लगाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। तो वहीं कहा जाता है कि भगवान के नामों का जयकारा लगाने से वातवरण में व्याप्त नकारात्म शक्तियां दूर हो जाती हैं। इस क्रम को प्रतिदिन नियमित तौर पर करना है।