नींबू-मिर्ची से लेकर बिल्ली का रास्ता काटने तक, इन अंधविश्वासों का आज खुलासा हो जायेगा, जिसे जानना है आपका जरूरी
घर के दरवाजे पर, दुकानों के प्रवेश द्वार के उपर, इसी तरह फैक्ट्री और हर छोटी बडी कम्पनियों कार्यालयों में एक धागे में नीबू, मिर्च तथा कई जगह इसी के साथ प्याज को पिरोकर टंगा हुए आपने भी देखा होगा। आखिर यह क्या है? इसे क्यों उक्त स्थानों में टांगा जाता है? इन सभी प्रश्नो के हल ढूढे तो कोई इसे अंधविश्वास कहता है तो कोई इसे आवश्यक मानते हुए सदियों से चली आ रही परंम्परा को पालन करना बताते हैं। आखिर इसके पीछे क्या लाजिक है इसे जानने में आज हम कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
नीबू मिर्च टांगना
माना जाता है कि अगर मुख्य प्रवेश द्वारा पर नीबू मिर्च गुथकर टांग दिया जाय तो किसी की नजर नही लगती। बुरी ताकते वहां प्रवेश नही कर पाती। इसे सप्ताह में या फिर नीबू मिर्च के सूख जाने पर या फिर खराब हो जाने पर बदल दिया जाना चाहिए। आमतौर पर लोग ऐसा करते है। लेकिन इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि नीबू मिर्च में कीटनाशक गुण पाये जाते हैं। इससे कई तरह की वैक्टीरिया प्रवेश नही करती।
बिल्ली का रास्ता काटना
अगर आप किसी खास काम से बाहर जा रहे होते हैं और अगर बिल्ली रास्ता काट दे तो इसे अशुभ माना गया है। माना जाता है कि कार्य पूर्ण नही होगा। लेकिन इसके पीछे के मुख्य लाजिक को देखा जाय तो पता चलता है कि यह पूर्व काल से चली आ रही एक परम्परा है। क्योकि पूर्वकाल में लोग बैलगाडी में या फिर घोडे में रात के समय सफर करते थे। बिल्ली की चमकीली आंखों को देखर घोडे बिदक जाते थे। वह रुक जाते थे। लेकिन इसका अभी भी पालन हो रहा है।
अंतिम संस्कार में नहाने की प्रथा
ज्यादातर लोग अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद वापस आने के बाद नहाते हैं। यह पूर्व काल से चली आ रही परम्परा है। ऐसा करना भी चाहिए। इसके पीछे स्वच्छता मुख्य वजह है। वही कहा गया है कि मृतक के अंतिम संस्कार में शामिल होने जाते है उस समय कई तरह की वैक्टीरिया वातावरण में फेल जाते हैं। जो हमारे सिर के बालों में और शरीर में लिपट जाते है। लेकिन नहाने के बाद सभी साफ हो जाते हैं।
रात में नहीं काटना चाहिए नाखून
रात में नाखून काटने को निषेध बताया गया है। पहले के समय में बिजली नही थी। दीपक के कम उजाले में नाखून काटाने से उंगली कटने या फिर नाखून भोजन आदि में न पड जाय इसीलिए रात मे ंनाखून काटना निषेध बताया गया था। जिसका अभी भी पालन हो रहा है।
दही-शक्कर खाकर निकलना
किसी शुभ काम के लिए जाते समय दही-शक्कर खाकर निकलना शुभ माना गया है। लेकिन इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि इसकी तासीर ठंडी होती है। यह शरीर को शीतलता प्रदान करती है। इसीलिए ऐसा किया जाता है।
नोट- इस समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। इस पर पूर्ण भरोसा करने के पहले विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त करें। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता।