अध्यात्म

तुलसी के पास ये चीज़े रखते ही सब कुछ हो जाता है नाश

तुलसी के पास ये चीज़े रखते ही सब कुछ हो जाता है नाश
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तुलसी सबसे पवित्र पौधा हेता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योकि इस पौधे को हम अपने घर में लगाए रहते हैं।

वैसे तो कई पेड़-पौधों को हमारे धर्म शास्त्र में पवित्र और देव वृक्ष कहा गया है। लेकिन तुलसी सबसे पवित्र पौधा हेता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योकि इस पौधे को हम अपने घर में लगाए रहते हैं। आज देश के वैज्ञानिक भी तुलसी की उपयोगिता पर अपनी मुहर लगा चुके हैं। साथ ही बताया गया है कि अगर तुलसी के पौधे के पास भूलकर भी कुछ चीजें रखी दी जाती हैं तो दुर्भाग्य पीछा नही छोडता है।

चमत्कारिक गुणों से भरपूर तुलसी

वैज्ञानिकों का मानना है कि जितने भी तुलसी पर प्रयोग किये गये सभी चमत्कारिक गुणों से भरपूर रहा है। धर्म शास्त्रों में तुलसी को देवी का रूप माना गया है। इसलिए तुलसी के पौधे की प्रतिदिन पूजा की जाती है। रविवार के दिन तुलसी नही तोड़नी चाहिए। उसे आंगन में लगाया जाता है। जबकि अन्य देववृक्षों की पूजा ते की जाती है लेकिन उन्हे आंगन में नही लगाया जा सकता।

इन चीजों को रखना है कष्टकारी

कहा गया है कि अगर तुलसी के पौधे के पास अशूद्धता होती है तो वह सूख जायेगी। कहा गया है कि जिस जगह तुलसी का पौधा लगा होता है वहां कभी भी गंदगी नही रखनी चाहिए।

तुलसी में अगर दूध मिला हुआ जल चढ़ाया जाय तो वह हरी-भरी रहती हैं। साथ ही तुलसी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कहा गया है कि तुलसी के पौधे के पास कभी भी अशुद्धता नही करनी चाहिए। न तो जूते उतारने चाहिए और न ही झाडू आदि रखना चाहिए। ऐसा करने से माता तुलसी नाराज होती हैं।

तुलसी के पौधे को कभी भी शाम होने के बाद जल नही चढ़ाना चाहिए। तथा तुलसी के पास जल से भरा पात्र भी नही रखना चाहिए।

कहा गया है कि तुलसी के पास दीपक जलाना उत्तम होता है। लेकिन कहा गया है कि या तो दीपक देने के बाद उसे वहां से हटा दें या फिर जैसे ही दीपक बुझ जाये उसे हटा देना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि तुलसी के पास बुझा हुआ दीपक नही रखना चाहिए।

कई घरों में देखा गया है कि तुलसी को चुनरी ओढ़ाकर रखा जाता है। जब चुनरी फट जाय या फिर पुरानी हो जाय तो उसे एकादशी के दिन बदल देना चाहिए। फटी पुरानी चुनरी अशुभ प्रभाव देती है।

कई महिलाएं स्नान के बाद बिना श्रंगार किये खुले बालों में तुलसी को जल देती हैं। लेकिन यह गलत है। तुलसी को सदा सुहागन रहने का वरदान मिला हुआ है। ऐसे में कहा गया है कि सुहागन महिलाएं जब तुलसी को जल देने जाये वह बाल बांधे रहे तथा मांग में सिंदूर अवश्य लगाए रहें।

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