Chanakya Niti: जवानी के ये 5 कार्य, बुढ़ापे में देते है सुख-शांति और ऐश्वर्य
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने कहा है कि अगर जवानी में ही ये 5 कार्य करते हुए जीवन जो जीता है उसे बुढ़ापे में सुख-शांति, ऐश्वर्य एवं सम्मान अपने आप मिलता है। दरअसल जीवन में सुख और दुख धूप-छांव की तरह है। ये तो समय के साथ चलते रहते है। आचार्य कहते है कि इसके बीच सम्मान बनाए रखना चाहिए और बुढ़ापे में काम आता है।
जैसा बोएंगे वैसा पाएंगे
चाणक्य (Chanakya) कहते हैं कि अगर घोर कलयुग में आपकी संतान आज्ञाकारी हो तो इससे बड़ा जीवन का कोई सुख नहीं है। यह तभी संभव है जब स्वयं संस्कारी होगे। आप अपने बच्चे के सामने अपना अच्छा व्यक्तित्व पेश करेगें तो आपका बच्चा भी इसे अपनाएगा और आपका सम्मान और आपके प्रति सहानुभूति रखेगा।
स्वच्छ चरित्र
बुढ़ापे में कुछ साथ न दे लेकिन यदि आपका चरित्र स्वच्छ रहा है तो लोग आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे. आचार्य के अनुसार ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है. अगर चरित्र बेदाग होगा तो बुढ़ापे में लोग आपकी इज्जत करेंगे।
पद का घमंड न करें
अगर आपकों अच्छा पद एवं कुर्सी मिलती है तो इसका घमंड न करें। क्योकि पद की प्रतिष्ठा कुर्सी तक ही होती है. कुर्सी हटने के बाद आपके कर्म आपके सम्मान का कारक बनते हैं।
मददगार बनें
आज आप लोगों की मदद करेंगे तो आपका कल सदा सुखमय होगा.सामर्थ्य अनुसार दूसरों की मदद जरूर करना चाहिए. इससे न सिर्फ आपका व्यक्तित्व अच्छा होता है बल्कि आपके कल भी संवर जाता है।
भेदभाव न करें
भेदभाव अपनों के बीच दूरियां बनाता है. इससे आपका कभी भला नहीं हो सकता. इससे चापलूस खुश जरुर हो सकते हैं लेकिन वक्त पड़ने पर आपका कोई सगा आपके साथ खड़ा नहीं होगा. खासकर बुढ़ापे में जब व्यक्ति कई काम करने में असमर्थ हो जाता है।