Chanakya Niti In Hindi: जानिए! आप राजा-रानी के तरह महल में रहेंगे या कूड़े में फेक दिए जायेंगे?
Chanakya Niti In Hindi: धरती में स्वर्ग की तरह जीवन संभव है। लेकिन यह सभी को नसीब नहीं होता। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इसके लिए व्यक्ति में विशेष गुण होने चाहिए। इन गुणों का निर्माण पूर्व जन्म के अनुसार होता है। लेकिन इसे इस जन्म में कर्म कर बदला जा सकता है। कहा तो यहां तक जाता है कि अपने कर्म से भविष्य का निर्माण करता है। हमारे वेद शास्त्रों में भी कर्म को प्रधान बताया गया है। यही कर्म प्रधान लोग धरती पर स्वर्ग की भांति सुख और ऐश्वर्य भागते हैं। आइए आज हम उन लोगों के विशेष गुणों के बारे में जानकारी ले।
अच्छा जीवनसाथी
अच्छा जीवनसाथी बड़े भाग्य से प्राप्त होता है। कई बार आपने कहते सुना होगा कि जोड़ियां स्वर्ग से बनकर आती हैं। कहने का मतलब यह है कि पूर्व जन्म के कर्म के अनुसार जीवनसाथी मिलते हैं। कहा गया है कि जिन्हें अच्छा जीवनसाथी मिल गया उसका जीवन स्वर्ग के सुखों की भांति व्यतीत होता है।
अच्छा भोजन
व्यक्ति कमाता सिर्फ इसलिए है कि वह अपना और अपने परिवार जनों का पेट भर सके। इसके बाद जैसे-जैसे कमाई बढ़ती जाती है सुख और ऐश्वर्य मे अर्थ व्यय करता है। कहा गया है कि जिसे पर्याप्त और तरह-तरह के भोजन प्राप्त होते हैं वह स्वर्ग के सुख के बराबर है। लेकिन यह सुख उन्हीं को प्राप्त होता है जो अपने पूर्व जन्म में दान धर्म और गरीबों को भोजन करवाते हैं।
होनी चाहिए पाचन शक्ति
तरह-तरह के भोजन होने के पश्चात व्यक्ति उनका उपभोग नहीं कर पाता। घर में तरह-तरह के व्यंजन बनते हैं लेकिन पाचन शक्ति कमजोर होने पर वह उसे ग्रहण नहीं कर सकता। ऐसा इसलिए होता है जो जीवन में या पूर्व जन्म में दूसरों को भोजन नहीं करवाता वह हुए भी भोजन नहीं कर पाता।
दान की छमता
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अर्थ अर्जित करना मानव का विशेष गुण है। लेकिन अर्जित किए हुए धन को लोगों में खर्च भी करना चाहिए। अगर खर्च नहीं करता, और न ही दान करते हैं तो वह धन अपवित्र हो जाता है। उसे जहां भी आप खर्च करेंगे आपको यश की प्राप्ति नहीं होगी।