Chanakya Niti : चाणक्य नीति के अनुसार ये आदतें करोड़पति से कंगाल बना देती हैं, जानें और बचें
Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य दुनिया के सबसे महान शिक्षकों में से एक हैं जिनकी शिक्षा के दम पर कितने ही लोगों ने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों (Chanakya Niti) में बताया है कि क्यों कुछ लोगों के पास धन नहीं रहता है, या धन होने के बावजूद उनका धन धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है। आचार्य चाणक्य की कही गई धन के विषय में इन नीतिगत (Chanakya Niti For Wealth) बातों को जानकर और उसका पालन करके आप निर्धनता से बच सकते हैं, साथ ही धन की देवी लक्ष्मी कैसे प्रसन्न होती हैं श्लोक के माध्यम से जानेंगे।
धन के लिए चाणक्य नीति (Chanakya Niti For Wealth)
अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति ।
प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति ।।
जिसका अर्थ है, चोरी किया गया, जुआ में जीता गया, अन्याय और धोखा देकर कमाया गया धन जल्द ही नष्ट हो जाता है। कभी भी किसी के साथ अन्याय करके धन नहीं लेना चाहिए। और न ही अन्याय से आने वाले धन में प्रवृत होना चाहिए।
इन लोगों से दूर हो जाती हैं माता लक्ष्मी (Chanakya Niti For Money)
मूर्खाः यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसंचितम् ।
दाम्पत्योः कलहो नास्ति तत्र श्री स्वयमागता॥
अर्थात जहां मूर्खों का सम्मान नहीं होता है, अन्न के भण्डार भरे रहते हैं, और पति-पत्नी के बीच कलह नहीं होती है वहां लक्ष्मी स्वयं आती है।
जिस घर में परिवार के सदस्य प्रेम पूर्वक रहते हैं और उनमें किसी भी प्रकार का कलह या विवाद नहीं होता है, ऐसे स्थान में माँ लक्ष्मी स्वयं निवास करना पसंद करती हैं।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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