अध्यात्म

Bakrid 2022: बकरीद क्यों मनाई जाती है, व बकरे की कुर्बानी क्यों दी जाती है

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
29 Jun 2023 11:30 AM IST
Updated: 2023-06-29 05:45:01
Bakrid 2022: बकरीद क्यों मनाई जाती है, व बकरे की कुर्बानी क्यों दी जाती है
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Bakrid 2022: बकरीद में अन्य जानवरों जैसे भेड़, ऊंट, जैसे जानवरों की भी कुर्बानी दी जा सकती है लेकिन बकरे की कुर्बानी का अलग ही महत्व है तभी तो इसे बकरा ईद यानि की बकरीद कहते हैं।

Bakrid Kyun Manayi Jati Hai: बकरीद इस्लाम धर्म का प्रमुख त्यौहार है जो की मीठी ईद के ठीक 2 महीने बाद मनाई जाती है। इस दिन मुस्लिम समाज में लोग बड़ी संख्या में बकरे की कुर्बानी देते हैं, कई बार अन्य जानवरों की भी कुर्बानी दी जा सकती है लेकिन बकरे को काटने का अलग ही महत्व है, तो आइये जानते हैं की क्यों इस दिन बकरे को हलाल किया जाता है?

हर एक त्यौहार या मान्यता के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है जिसका वर्णन इस्लाम की पवित्र ग्रन्थ कुरान (Quran) में मिलता है। हजरत इब्राहिम (Hazrat Ibrahim) को अल्लाह का पैगम्बर माना जाता है जो की पैगम्बर मोहम्मद के पूर्वज थे। जो की समाज में भलाई के लिए कार्य करते हैं दीन-दुखियों की मदद करते थे और जीवनभर इन्ही कामों में जुटे रहें। लेकिन 90 साल की उम्र तक उनकी कोई संतान नहीं थी। लेकिन अल्लाह की रहमत से उन्हें एक चाँद सा बेटा प्राप्त हुआ था जिसका नाम उन्होंने इस्माइल रखा था।

लेकिन एक दिन हजरत इब्राहिम (Hazrat Ibrahim) को हुक्म मिला कि खुदा के लिए उन्हें अपनी प्रिय वस्तु की कुर्बानी देनी होगी तभी हुक्म को मानते हुए पैगम्बर सबसे पहले अपने एक खास ऊंट की कुर्बानी दी जो की उन्हें बहुत ज्यादा प्रिय था. उसके बाद उन्हें फिर सपना आया की उन्हें सबसे अधिक प्रिय वस्तु को कुर्बान करना है। दूसरे दिन उन्होंने अपने सारे सभी जानवरों की कुर्बानी देदी। लेकिन अंततः फिर उन्हें अंतिम बार आदेश मिला की उन्हें अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करना है और इतना सुनते ही हजरत ने अपनी पत्नी को अपने बेटे इस्माइल को नहलाके तैयार करने को कहा। और इस्माइल को लेके वे उनकी कुर्बानी देने के लिए निकल पड़े बेटे की गर्दन पर तलवार चलाने से पहले उन्होंने अपनी आँखों में काली पट्टी बाँध ली और फिर तलवार चला दी, आँखों से पट्टी हटाई तो सामने बकरे की कुर्बानी हो चुकी थी और इस्माइल को खेलते हुए पाया। इब्राहिम के इस कार्य और अपने प्रति निष्ठा देखकर अल्लाह ने उन्हें पैगम्बर बना दिया।

और उस दिन के बाद से हर साल हजरत इब्राहिम की याद में यह दिन मनाया जाता है। और यहीं से बकरे की कुर्बानी देने का महत्व बढ़ गया था।

तीन हिस्सों में बांटी जाती है कुर्बानी

How is Eid being celebrated? कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है, जिसमें एक हिस्सा गरीब या जरुरतमंदो, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों को भेजा जाता है। तथा तीसरा हिस्सा घर पर पकाया जाता है।

बकरीद कब मनाई जाती है

When is Bakrid celebrated? इस्लामिक कैलेण्डर के अनुसार बकरीद मीठी ईद के दो माह बाद जिलहिज्ज के महीने में मनाई जाती है।

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