सिंगरौली

सिंगरौली: स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के डिप्टी मैनेजर को नोटिस, मामला स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन का बकाया

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:58 AM IST
सिंगरौली: स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के डिप्टी मैनेजर को नोटिस, मामला स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन का बकाया
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सिंगरौली: स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के डिप्टी मैनेजर को नोटिस, मामला स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन का बकाया सिंगरौली । ज़िले के बैढन

सिंगरौली: स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के डिप्टी मैनेजर को नोटिस, मामला स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन का बकाया

सिंगरौली (विपिन तिवारी) । ज़िले के बैढन में स्थित मांइनिंग पर प्रशासन ने कार्यवाही की है।यह कार्यवाही पंजीयन विभाग द्वारा की गई है।विभाग द्वारा बड़े बकायादारों के खिलाफ दर्ज किये गये प्रकरण से इस बात का खुलासा हुआ है कि स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन पिछले तीन साल से स्टाम्प ड्यूटी का साढ़े 11 करोड़ दबाये हुये है।
आरोप है कि तत्कालीन जिला पंजीयक द्वारा लगातार 3 वर्षों से स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी करने के बाद भी भोपाल के अफसर जवाब देने से बच रहे हैं। इसके चलते प्रभारी जिला पंजीयक ने स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर सत्येन्द्र सिंह के खिलाफ आरआरसी का प्रकरण दर्ज किया है। बताया जाता है कि जिले में कोल माइंस के लिये स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन ने 8 साल पहले यहां आवेदन किया था। स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के आवेदन पर लीज स्वीकृत की गई थी।अनुबंध के समय स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन ने कम स्टॉम्प ड्यूटी लगाई थी। इसके चलते स्टेट माइनिंग कॅार्पोरेशन के खिलाफ आरआरसी का प्रकरण दर्ज किया गया था।

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लीज में छिपाई थी अवधि की जानकारी पंजीयन विभाग की जानकारी के अनुसार माइनिंग कॉर्पोरेशन ने लीज की 17 साल की अवधि के लिये आवेदन किया था। जबकि खनिज संसाधन विभाग द्वारा माइनिंग कॉर्पोरेशन के उत्खनन पट्टे के लिये 30 साल की अवधि स्वीकृत की गई थी। आरोप है कि माइनिंग कॉर्पोरेशन के सहायक महाप्रबंधक ने लीज की अवधि कम दर्शाकर स्टाम्प ड्यूटी बचाने की कोशिश की थी। तत्कालीन जिला पंजीयक द्वारा कराई गई लीज की ऑडिट में कम स्टाम्प ड्यूटी का मामला उजागर हुआ था।
4 कोल ब्लॉक के लिये किया था आवेदन खनिज संसाधन विभाग मंत्रालय के द्वारा स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन ने जिले में चार कोयला खदानों की स्वीकृति प्रदान की गई थी। बताया जाता है कि खनिज संसाधन विभाग द्वारा 28 दिसंबर 2012 को स्वीकृति मिलने के बाद माइनिंग कॉर्पोरेशन ने 17 मई 2013 को कोयला खदानों के लिये अनुबंध पत्र निष्पादित किया था। माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा कोयला खदानों के अनुबंध में लीज के लिये 17 वर्ष की अवधि दर्शायी गई थी। जबकि खनिज संसाधन विभाग द्वारा कोयला उत्खनन के पट्टे के लिये 30 वर्ष की अवधि निर्धारित की गई थी। आरोप है कि इसके बाद भी माइनिंग कॉर्पोरेशन ने 17 वर्ष की अवधि के लिये माइनिंग प्लान प्रस्तुत किया गया था। इसके चलते 13 वर्ष की अवधि अधिक होने के कारण पंजीयन विभाग ने रिकव्हरी का प्रकरण दर्ज किया गया था।

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कुर्की का जारी हुआ नोटिस स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा लगातार कई वर्षों से स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने से बचने की जानकारी सामने आने के बाद जिला पंजीयक ने कुर्की का नोटिस जारी किया है। डीआर ने नोटिस में यह चेतावनी दी है कि यदि एक माह के अंदर बकाया स्टाम्प ड्यूटी की राशि 11 करोड़ 52 लाख 62 हजार का भुगतान नहीं किया गया तो स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन की चल और अचल संपत्ति को कुर्क किया जायेगा।
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