- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- सिंगरौली
- /
- एमपी के सिंगरौली में...
एमपी के सिंगरौली में मजदूरों की जगह जेसीबी से खुदवा रहे थे तालाब, रात में ड्राइवर को झपकी आई तो कुएं में गिर गई मशीन
मध्यप्रदेश के सिंगरौली में मजदूरों की जगह तालाब की खुदाई जेसीबी से करवाया जा रहा था। रात में इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा था। ऐसे में चालक को झपकी आ गई तो मशीन कुएं में जा गिरी। चालक की जब आंख खुली तो वह अपने आपको कुएं में पाया। इस घटना में चालक को मामूली चोटे आई हैं। मशीन को किसी तरह कुएं से बाहर निकलवाया गया।
हाइड्रा से निकाली गई जेसीबी
मामला सिंगरौली जिले के चितरंगी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत ठटरा का बताया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान ने मजदूरों की जगह मनरेगा योजना के तहत लघु तालाब निर्माण का कार्य जेसीबी से कराना शुरू किया है। जबकि इस कार्य में मजदूरों को लगाया जाना था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत में मजदूरों का हक छीना जा रहा था। जहां पर तालाब खोदाई की जा रही थी वहीं समीप ही कुआं भी है। रात में तालाब खोदाई का कार्य किया जा रहा था। इस दौरान जेसीबी चालक को झपकी आ गई जिससे मशीन समेत वह स्वयं कुएं में समा गया। घटना में चालक को ज्यादा चोटें नहीं पहुंची हैं। जेसीबी को कुएं से बाहर निकलवाने के लिए हाइड्रा मंगाया गया तब जाकर मशीन बाहर निकाली जा सकी।
पलायन को विवश हैं मजदूर
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधान द्वारा जेसीबी से तालाब निर्माण करवाया जा रहा है जबकि मजदूरों के जरिए यह कार्य करवाना था। पंचायत के अधिकांश मजदूर काम के लिए पंचायत पदाधिकारियों के यहां चक्कर लगाते रहते हैं। इसके बावजूद पंचायत में उन्हें कार्य उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से भी की किंतु कोई नतीजा नहीं निकला। पंचायतों में काम नहीं मिलने की वजह से ग्रामीण अन्यत्र पलायन करने को मजबूर हैं।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
मामले को लेकर कलेक्टर का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। यदि मजदूरों की जगह जेसीबी से तालाब निर्माण कराया जा रहा है तो यह गलत है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि ठटरा पंचायत के पूर्वी टोला में रात के समय मनरेगा के तहत स्वीकृत लघु तालाब का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। यहां की सरपंच महिला हैं। पंचायत का सारा कामकाज रोजगार सहायक के भरोसे है। जेसीबी से कार्य कराए जाने के कारण मजदूरों को रोजगार नहीं उपलब्ध हो पा रहा है।