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एमपी के सिंगरौली में पानी के लिए लगा रहे दो किलोमीटर का चक्कर, नदी में गड्ढा खोद बुझा रहे प्यास
मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के लोग पानी के लिए दो किलोमीटर का चक्कर लगा रहे हैं। नदी में गड्ढा खोद उसका दूषित पानी पीकर प्यास बुझाने के लिए लोग विवश हैं। पीने तक के लिए उन्हें शुद्ध पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। पानी की समस्या को लेकर गुस्साए सैकड़ों ग्रामीण कलेक्टर के पास मटका लेकर जा पहुंचे। जिनके द्वारा फरियाद की गई कि कलेक्टर साहब हमें पानी मुहैया करा दीजिए।
सुबह उठकर नदी में गड्ढा खोदना बना मजबूरी
सिंगरौली जिले के चांचर, मझौली गांव के सैकड़ों ग्रामीण सुबह जब उनकी नींद खुलती है तो सबसे पहले यह कार्य करते हैं। वह दो किलोमीटर दूर स्थित नदी पर जाते हैं और वहां गड्ढा खोदते हैं। इसके बाद गड्ढे में जो पानी निकलता है उससे अपनी प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं। चांचर गांव की महिलाओं का कहना है कि पानी के लिए वह म्यार नदी में गड्ढा खोदती हैं इसके बाद उसमें जो पानी निकलता है उसका वह उपयोग करते हैं। गांव में पानी की समस्या आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से है। ग्रामीण 15-20 वर्षों से इसी नदी के पानी को पीते आ रहे हैं।
गांव में न तो कुआं है, न ही हैण्डपम्प
लोगों का कहना है कि चांचर गांव में न तो कुआं है और न ही हैण्डपम्प। जिसके चलते ग्रामीण पानी के लिए इधर-उधर भटकते हैं। गर्मी के मौसम में यह पानी की समस्या और विकराल हो जाती है। नदी भी काफी हद तक सूख जाती है जिससे उनको बूंद-बूंद पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है कि वह गांव से दो किलोमीटर दूर स्थित म्यार नदी में पानी लेने जाते हैं। नदी का भी पानी गंदा व दूषित है जिसके कारण वह पानी को छानकर अपना कंठ तर करते हैं।
प्रतिदिन खोदते हैं गड्ढा
समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों का कहना है कि इस चिलचिलाती धूप में उन्हें बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ता है। दो किलोमीटर की दूरी तय कर प्रतिदिन वह नदी में गड्ढा खोदते हैं जिसके बाद उन्हें पानी नसीब हो पाता है। पानी की समस्या से जूझ रहे आक्रोशित ग्रामीण मटका लेकर कलेक्टर के पास जा पहुंचे, जहां उन्होंने पानी की समस्या से अवगत कराते हुए पेयजल उपलब्ध कराने की गुहार लगाई।
इनका कहना है
इस संबंध में क्षेत्र के विधायक रामलल्लू वैश्य का कहना है कि पाइप लाइन के माध्यम से प्रत्येक घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है। साल भर के अंदर हर घर में पानी पहुंचने लगेगा। फिलहाल हैण्डपम्प के लिए विभाग को निर्देशित किया गया है। जल्द ही ग्रामीणों को पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी।