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एमपी के सिंगरौली में विद्यालयों में मेन्यू के अनुसार नहीं दिया जा रहा भोजन, शासन की योजना पर लग रहा पलीता
MP Singrauli News: शासकीय विद्यालयों के प्रति बच्चों का रूझान बढ़ाने व पोषण संबंधी स्थिति को सुधारने के लिए मिड डे मील योजना शुरू की गई थी। लेकिन जिम्मेदार शासन की योजना पर पलीता लगाने में लगे हुए हैं। स्थिति यह है कि जिले के अधिकांश विद्यालयों में बच्चों को मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता। अधिकतर विद्यालयों में तो बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन तो नहीं दिया जाता साथ ही भरपेट भोजन के लिए भी बच्चे तरसते हैं। जांच में पता चला कि विद्यालयों में सोयाबीन की बरी और और आलू बच्चों को सब्जी के नाम पर दे दी जाती है।
विद्यालयों में दिए जाने वाले भोजन का मेन्यू चार्ट:
हल्दी-नमक के घोल से बन रही सब्जी
जोगियानी विद्यालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों की माने तो आधा भोजन दिया जाता है। थोड़ा सा चावल, नाम मात्र की दाल और रसीली आलू की सब्जी परोसी जाती है। सब्जी में आलू के साथ हल्दी-नमक का घोल बना कर विद्यार्थियों को परोस दिया जाता है। भोजन अच्छा न मिलने से विद्यार्थी अपने घर से ही टिफिन लाते हैं। ग्रामीण अंचल के जोगियानी गांव के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने बताया कि भोजन सही नहीं मिलता, जिसके कारण मजबूरी में घर से खाना लाना पड़ता है। इसी प्रकार खैराही गांव में कक्षा 1 से 5 तक के लिए अलग और कक्षा 6 से 8 तक के लिए अलग-अलग समूह के द्वारा मिड डे मील दिया जाता है। यहां भी बच्चों को सिर्फ दाल और चावल ही चावल ही दिया जाता है। कभी कभार आलू की सब्जी मिलती है। मेन्यू के अनुसार हर रोज पापड़, सलाद व चटनी भी दिया जाना तय किया गया है, लेकिन पोषण की इस थाली में यह सब गायब रहता है।
कलेक्टर से शिकायत
विद्यालयों में मिड डे मील की बिगड़ी व्यवस्था को लेकर क्षेत्र के कचनी, जोगियानी सहित अन्य सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने कलेक्टर से शिकायत की है। कलेक्टर द्वारा जांच और कार्रवाई का आश्वासन विद्यार्थियों को दिया है।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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