सिंगरौली

एमपी सिंगरौली के इस गांव का हाल बेहाल, नौनिहाल हाथ में जूते-चप्पल लेकर स्कूल जाने हैं विवश

Sanjay Patel
12 Aug 2023 2:33 PM IST
एमपी सिंगरौली के इस गांव का हाल बेहाल, नौनिहाल हाथ में जूते-चप्पल लेकर स्कूल जाने हैं विवश
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MP News: मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत आने वाले एक गांव का हाल बेहाल है। यहां पहुंच मार्ग का अभाव है। बारिश के दिनों में मार्ग दलदल में तब्दील हो जाता है। ऐसे में नौनिहाल को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत आने वाले एक गांव का हाल बेहाल है। यहां पहुंच मार्ग का अभाव है। बारिश के दिनों में मार्ग दलदल में तब्दील हो जाता है। ऐसे में नौनिहाल को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूल जाने के लिए वह ड्रेस तो पहन लेते हैं। किंतु जूते-चप्पल को हाथ में लेकर स्कूल जाना उनकी मजबूरी है। क्योंकि उनकों कीचड़ और गंदे पानी से गुजरकर स्कूल पहुंचना पड़ता है।

पापल ग्राम पंचायत में नारकीय जीवन जी रहे लोग

सिंगरौली जिला मुख्यालय से महज 90 किलोमीटर दूर पापल ग्राम पंचायत स्थित है। यह देवसर जनपद के अंतर्गत आती है। यहां के विकास का अंदाजा पहुंच मार्ग को ही देखकर लगाया जा सकता है। जहां छात्र कंधे पर बैग और हाथों में जूते चप्पल लेकर कीचड़ और गंदे पानी से गुजरकर स्कूल जाते हैं। मासूम स्कूल तक पहुंचने के दौरान मार्ग में चोटिल भी हो जाते हैं। यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। पैदल तो किसी कदर गिरते पड़ते लोग निकल जाते हैं किंतु यदि कोई बीमार हो गया तो उसे अस्पताल पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इस समस्या को लेकर संबंधित विभाग को अवगत भी कराया गया किंतु स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। मार्ग की हालत जस की तस बनी हुई है।

तालाब में तब्दील हो जाती है सड़क

ग्रामीणों की मानें तो पापल ग्राम पंचायत में थोड़ी सी बारिश होते ही पूरी सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। यहां बाइक से निकल पाना तो दूर लोगों के लिए पैदल चलना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। स्कूल जाते समय छात्र गिरकर जख्मी भी हो जाते हैं उनकी ड्रेस तक खराब हो जाती है। स्कूल जाने के लिए यह मुख्य सड़क है। ग्रामीणों की मानें तो प्रधान से लेकर जिला कलेक्टर तक सड़क की समस्या को लेकर शिकायत भी की गई किंतु जिम्मेदार सुनने को तैयार नहीं हैं। बारिश के दिनों में जब कोई बीमार हो जाता है तो सर्वाधिक समस्या का सामना करना पड़ता है। घर तक वाहन नहीं पहुंच पाता ऐसे में बीमार को खाट पर लादकर अस्पताल पहुंचाया जाता है। इस मामले में डीएम अरुण परमार का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है जल्द ही इस संबंध में कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

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