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एमपी के सिंगरौली में किसानों को कोदो कुटकी के बीज उपलब्ध कराएगा कृषि विभाग
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एमपी के सिंगरौली जिले में खरीफ सीजन को लेकर कृषि विभाग ने तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। अबकी बार कोदो-कुटकी की फसल को विशेष तवज्जो दी जाएगी। किसानों को इसका बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस बार खरीफ में सवा सौ हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य रखा गया है। वहीं दूसरी फसल के लिए विभाग के पास बीज का बंदोबस्त नहीं है। जिससे अन्य बीजों के लिए किसानों को स्वयं ही व्यवस्था करनी पड़ेगी।
दोगुना रकबा करने की है योजना
सिंगरौली जिले में सबसे अधिक जोर कोदो-कुटकी पर ही दिया जाएगा। जिसके पीछे वजह यह है कि केन्द्र सरकार की मिलेट अनाज से जुड़ी योजना है। कृषि विभाग द्वारा कोदो-कुटकी का रकबा इस बार दोगुना करने की योजना तैयार की गई है। जिले में सिंचाई की सीमित व्यवस्था के मद्देनजर असिंचित फसलों का रकबा बढ़ाने की योजना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में प्रत्येक फसल के लिए किसानों द्वारा सामूहिक प्रदर्शन के बावत बीज के अलावा खाद व दवा सहित अन्य आदान उपलब्ध कराया जाएगा। इसी प्रकार बीज उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बीज ग्राम योजना के तहत बीज मंगाया जा रहा है।
यह है बोनी का लक्ष्य
कृषि विभाग द्वारा कोदो व कुटकी की बोनी का रकबा इस बार 30 हेक्टेयर से अधिक करने की योजना है। जबकि अभी तक इस फसल का अधिकतम रकबा 18 हजार हेक्टेयर होता रहा है। कोदो का बीज 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर व कुटकी का बीज 12 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। धान का रकबा पूर्ववत रहेगा। 49 हजार हेक्टेयर धान की बोनी का लक्ष्य रखा जाएगा। मक्का की बोनी का रकबा 30 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 38 हजार हेक्टेयर करने का है। अरहर की बोनी का रकबा 28 हजार से बढ़ाकर 35 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। तिल की बोनी का रकबा 17 हजार से बढ़ाकर 20 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।
इनका कहना है
इस संबंध में उप संचालक कृषि विभाग सिंगरौली आशीष पाण्डेय का कहना है कि खरीफ में बोवनी को लेकर योजना तैयार कर ली गई है। असिंचित फसल की बोनी पर अधिक जोर दिया जाएगा। जिससे बारिश न होने पर भी किसानों को ज्यादा नुकसान न हो। कोदो-कुटकी पर इस बार विशेष ध्यान दिए जाने की योजना है। रकबा दोगुना करने की कोशिश की जाएगी।
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