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सीधी: गोपद नदी का सीना चीर रहे खनिज माफिया, शाम ढलते ही शुरू हो जाता है अवैध रेत का कारोबार...
Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:59 AM IST
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सीधी: गोपद नदी का सीना चीर रहे खनिज माफिया, शाम ढलते ही शुरू हो जाता है अवैध रेत का कारोबार...सीधी। जिले के बहरी तहसील अंतर्गत
सीधी: गोपद नदी का सीना चीर रहे खनिज माफिया, शाम ढलते ही शुरू हो जाता है अवैध रेत का कारोबार...
सीधी (विपिन तिवारी ) । जिले के बहरी तहसील अंतर्गत भरुही में रेत के अवैध कारोबार को लेकर काफी समय से सुर्खियों में है यहां रेत के अवैध खनन को रोकने की कार्रवाई पूरी तरह से औपचारिक बनी हुई है खनिज विभाग का रेत माफियाओं को खुला संरक्षण मिलने के कारण अवैध रेत उत्खनन खुलेआम चल रहा है गोपद नदी के भरुही खदान में अवैध रूप से रेत का खनन शाम ढलते ही पोकलेन मशीन द्वारा शुरू कर दिया जाता है और पुलिस प्रशासन सब जान के भी अनजान बना हुआ है।इंदौर की सड़को में चल रही नाव, फंसे लोगो को रेस्क्यू कर निकाला जा रहा…
बता दे कि बीते एक पखवाड़े से जिले मे बारिष का दौर धमा हुआ है जिसका फायदा रेत माफिया उठाने लगे है वे एक वार फिर गोपद नदी पर रेत उत्खनन कर प्रशासन को चुनौती देने लगे है रेत निकासी व परिवहन को लेकर जिले के बहरी थाना क्षेत्र के भरूही गांव गोपद नदी में सर्वाधिक रेत निकासी हो रही है। यहां खुलेआम मशीनों के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन सुबह तक किया जाता है रोजाना रात में करीब आधा सैकड़ा हाईवा रेत की निकासी गोपद नदी से अवैध रूप से करने के बाद इन्हें डम्प स्थल पर पहुंचा दिया जाता है जिसके चलते डम्प स्थल में रेत का भंडारण घटने के बजाय बढ़ता नजर आ रहा है।आखिर क्यो चुप हैं पुलिस अधीक्षक
रेत निकासी व परिवहन को लेकर पुलिस अधीक्षक खनिज के रेत माफियाओं को लेकर साधी गई चुप्पी को जनमानस उनकी नाकामी करार दे रहा है सायद यही बजह है कि बहरी थानांतर्गत भरुही में हो रही अवैध रेत उत्खनन पर लगे प्रतिबंधित के बावजूद थाना प्रभारी द्वारा रोंक थाम के प्रयास नही किया जा रहा है।मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका जताई, जानिए कौन कौन से जिले होंगे प्रभावित
रेत माफियाओं को हौसले बुलंद
बहरी तहसील अंतर्गत भरुही गोपद नदी में रेत का ठेका सैनिक फूड कंपनी को मिला हुआ है 30 सितंबर तक एनजीटी के नियमानुसार बरसात के कारण रेत का उत्खनन नदी में नहीं कराया जा सकता बरसात के पूर्व कंपनी द्वारा गोपद नदी से करीब 8 किलोमीटर दूर रेत का भंडारण कर लिया गया था डंप रेत को ही बेचने की अनुमति है इसी की आड़ में कंपनी द्वारा अपने गुर्गों को लगाकर शाम ढलते ही टूटेन मशीनें गोपद नदी के तट पर पहुंचा दी जाती है। और पूरी रात रेत की निकासी की जाती है। लेकिन रेत निकासी के लिये कार्यवाही नही हो रही जिसके कारण रेत निकासी थमने का नाम नहीं ले रहा है। जाहिर है कि पुलिस के अधिकारियों से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों तक रेत मोटी कमाई का जरिया बना हुआ है। जिस वजह से चाहते हुए भी कार्यवाही करने से परहेज कर रहे हैं।बहरी थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध
सैनिक फ्रूड कंपनी के गुर्गों द्वारा भरुही में किया जा रहा अवैध रेत खनन में बहरी थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी रात में रेत के चल रहे अवैध उत्खनन एवं परिवहन को रोकने के लिए जानकारी होने के बाद भी बहरी थाना प्रभारी मौके पर नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि रेत माफिया को बहरी थाना प्रभारी का भी पूरी तरह से संरक्षण मिला हुआ है। जिसकी वजह से बहरी थाना प्रभारी द्वारा रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने से परहेज किया जा रहा है।‘आपदा ही अवसर है’ को गंभीरता से लेते हुए कोरोना के नाम पर करोड़ों डकार गया रीवा का CMHO, अब EOW खोल रही है पोल
Aaryan Dwivedi
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